नई दिल्ली : लॉकहीड मार्टिन ने अपने एफ-16 विमानों के लिए भारत में करीब 20 बिलियन डॉलर के संभावित निर्यात पर नजर बनाई है। भारतीय के सेना के बड़े सैन्य ऑर्डर को हासिल करने को लेकर इच्छा जताई है। अमेरिकी डिफेंस फर्म का मुकाबला बोइंग एफ/ए-18, साब की ग्रीपेन, दैसॉ के राफेल और यूरोफाइटी टाइफून से है। उन्होंने अपनी प्रॉडक्शन लाइन को अमेरिका से भारत शिफ्ट करने की पेशकश भी दी है। उनका कहना है कि यदि यह कामयाब होता है तो पीएम मोदी की महत्वकांक्षी योजना मेक इन इंडिया के लिए काफी अहम होगा। इसके अलावा इसके जरिए देश के हजारों लोगों को रोजगार मिल सकता है। लॉकहीड के स्ट्रैटेटिजी और बिजनस डिवेलपमेंट के वाइस प्रेजिडेंट विवेक लाल ने बतायर कि फर्म भारत को अपना ग्लोबल प्रॉडक्शन सेंटर बनाना चाहती है, जो भारत की सेना के जरूरतों को पूरा करती है और साथ विदेश की मार्केट की जरूरतों को भी पूरा कर सके। लाल ने कहा, हमें भारत के बाहर से अभी 200 एयरक्राफ्ट की डिमांड है। इन लेनदेन की कीमत 20 बिलियन डॉलर से ज्यादा हो सकती है। बहरीन और स्लोवाकिया ने एफ-16 ब्लॉक 70 को चुना है, जिसे भारत को ऑफर किया गया था।
उन्होंने कहा, हम बलगेरिया के अलावा 10 अन्य देशों के साथ भी बातचीत बंद कर रहे हैं। भारत का रक्षा मंत्रालय अगले कुछ महीनों में इसे लेकर रूचि दिखा सकता है। भारत की सेना का कहना है कि 42 स्चाड्रन की जरूरत है। जिसमें करीब 750 एयरक्राफ्ट आते हैं। फिलहाल भारत के पास मिग 21 हैं, जिन्हें पहली बार 1960 में इस्तेमाल किया गया था। ये जल्द ही रिटायर होने वाले हैं।