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वाराणसी (एजेंसी)। भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस पर चुनावी चश्मा चढ़ाकर गरीब-गरीब की माला जपने का आरोप लगाते हुए आज नेहरू-गांधी परिवार पर निशाना साधा और कहा कि देश में गरीबी के लिये सिर्फ एक ही परिवार दोषी है।मोदी ने आध्यात्मिक नगरी वाराणसी में आयोजित विजय शंखनाद रैली में कहा कांग्रेस परीक्षा के डर से घबराये किसी विद्यार्थी के भगवान का स्मरण करने की तरह आगामी लोकसभा चुनाव से पहले गरीब-गरीब की माला जप रही है लेकिन अगर उसके दिल में गरीब के लिये दर्द होता तो देश में 45 साल तक एक ही परिवार के शासन के बाद कोई गरीब नहीं होता। नेहरू-गांधी परिवार की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा देश में गरीबी के लिये अगर कोई दोषी है तो एक ही परिवार दोषी है। यह उसकी मानसिकता में भी क्षलकता है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर कटाछ करते हुए मोदी ने कहा कांग्रेस के नेता तो ना जाने क्या-क्या बोलते हैं। वह कहते हैं कि गरीबी कुछ नहीं होती वह तो मन की एक अवस्था होती है। शाम को जब घर में चूल्हा ना जले बच्चे रात-रात रोते रहें तब पता चलता है कि गरीबी क्या होती है। यह गरीबों का मजाक बनाते हैं। जिन्होंने आज तक आपका शोषण किया उन्हें उखाड़ फेंकिये। उन्होंने कहा कि भाजपा वादे नहीं इरादे लेकर आयी है और उन्हें पूरा करने की क्षमता रखती है। देश वादों से उब चुका है। देश ने बातें बहुत सुनी हैं उपदेश भी बहुत सुने हैं अब तो धरती पर सचाई उतारने का इरादा है। मोदी ने कहा लोग आज कांग्रेस की सरकारों को हटाने और भाजपा की बिठाने में लगे हैं। इससे साबित होता है कि हम जनता की कसौटी पर खरे उतरे हैं। मोदी ने कहा कि देश में लोकसभा चुनाव से पहले ऐसा माहौल बना हो यह शायद हिन्दुस्तान के लोकतांत्रिक जीवन की पहली घटना है। पहली बार हिन्दुस्तान के कोने-कोने में जनता दिल्ली की सरकार को उखाड़ फेंकने के लिये उतावली हो रही है। वर्ष 2014 का चुनाव कोई दल या नेतृत्व नहीं लड़ेगा बल्कि देश की जनता लड़ेगी। सोमनाथ की धरती से बाबा विश्वनाथ का आशीर्वाद लेने आने का जिक्र करते हुए मोदी ने पतित पावनी गंगा के तट पर बसे वाराणसी की नब्ज पर हाथ भी रखा और कहा कि देश की संस्कति की धारा यानी गंगा की सफाई के लिये तमाम योजनाएं बनीं और अरबों रुपये खर्च किये गये लेकिन शुद्धिकरण तो दूर हालात बदतर हो गये हैं। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री को देश की जनता को हिसाब और जवाब देना होगा कि गंगा शुद्धिकरण के लिये क्या-क्या कैसे और कब किया। जनता यह भी जानना चाहती है कि किस-किस के लिये किया। मोदी ने कहा कि गंगा के शुद्धिकरण के लिये पहले दिल्ली और लखनऊ को शुद्ध करना पड़ेगा। इन लोगों के रहते गंगा के शुद्धिकरण की कोई सम्भावना नहीं है। उन्होंने अपने शासन वाले गुजरात में साबरमती नदी के शुद्धिकरण का जिक्र करते हुए कहा कि 10 साल पहले गंदी नाली के तौर पर देखी जाने वाली साबरमती का पुनरूद्धार किया गया और अब वह नर्मदा के शुद्ध जल से लबालब है। अगर साबरमती शुद्ध हो सकती है तो गंगा क्यों नहीं।