नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण अभियान में अब तक वैक्सीन की 22.75 करोड डोज लगाई गई हैं। अभियान के 140वें दिन शुक्रवार को शाम सात बजे तक के आंक़़डों के मुताबिक 33,57,713 डोज लगाई गईं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक शुक्रवार को टीका लगवाने वाले लाभार्थियों में 18-44 वषर्ष आयुवर्ग के 16,23,602 लोगों को पहली और 31,217 लोगों को दूसरी डोज दी गईं। इस आयुवर्ग के 2.58 करोड़ लोगों को अब तक पहली और 1.18 लाख को दूसरी डोज दी जा चुकी हैं।
मंत्रालय ने बताया कि बिहार, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और बंगाल में इस आयुवर्ग के 10-10 लाख से ज्यादा लोगों को पहली डोज दी गई हैं।इसी तरह 60 साल से अधिक उम्र के 6.01 करोड़ लोगों को पहली और 1.91 करोड़ लोगों को दूसरी डोज लगाई जा चुकी हैं। जबकि, 45–60 साल के 6.96 करोड़ को पहली और 1.11 करोड़ को दूसरी डोज दी जा चुकी हैं।लाभार्थियों में 99.44 लाख स्वास्थ्यकर्मी ([पहली डोज)], 68.40 लाख स्वास्थ्यकर्मी ([दूसरी डोज)] और 1.60 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स ([पहली डोज)] और 86.34 लाख फ्रंटलाइन वर्कर्स ([दूसरी डोज)] भी शामिल हैं।
केंद्र सरकार ने निजी अस्पतालों के वैक्सीन डाटा पर मीडिया में आई रिपोर्ट को गलत बताया है। सरकार ने कहा है कि 16 जनवरी से शुरू हुए टीकाकरण के आंकड़ों की एक मई के बाद के आंकड़ों से तुलना करना उचित नहीं है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि मई में निजी अस्पतालों ने कोरोना वैक्सीन की 1.29 करोड़ डोज हासिल किए और उसमें से 22 लाख डोज लगाईं। निजी अस्पतालों को टीकाकरण में एक मई से शामिल किया गया था।
मंत्रालय ने कहा कि कुछ मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि निजी अस्पतालों को 25 फीसद डोज आवंटित की गई हैं, जबकि टीकाकरण में उनका योगदान मात्र 7.5 फीसद है। मंत्रालय ने कहा कि यह रिपोर्ट गलत और आंकड़ों के हिसाब से सही नहीं है। मंत्रालय ने कहा कि मई में 7.4 करोड़ डोज उपलब्ध थीं। इनमें से 1.85 करोड़ निजी अस्पतालों के लिए थीं, जिनमें से उन्होंने 1.29 करोड़ डोज लीं। निजी अस्पतालों ने 22 लाख डोज लगाए हैं इस तरह से उन्होंने 17 फीसद से ज्यादा डोज का इस्तेमाल किया।