नई दिल्ली : बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर को महान दूरदर्शी बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि उनके आर्थिक विचारों तथा दृष्टिकोण को अब भी पूरी तरह से समझा नहीं गया है, हालांकि सामाजिक न्याय के प्रति उनके योगदान को पूरी तरह पहचान मिली है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे कुछ ही लोग हैं जो निधन के 60 साल बाद भी जन चेतना में अब भी जीवित हैं। उन्होंने कहा कि हम भारत के सामने फिलहाल मौजूद मुद्दों के संदर्भ में जितना अंबेडकर के विचारों को याद करेंगे, हम ‘उनके दृष्टिकोण और समग्रता के उनके रूख का उतना ही अधिक सम्मान करेंगे।’
प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि मोदी ने कहा कि अंबेडकर एवं भारत के संविधान की इस देश में हमेशा चर्चा होनी चाहिए और 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाना इस दिशा में एक कदम था। महिला सशक्तिकरण, भारत के संघीय ढांचे, वित्त एवं शिक्षा जैसे विषयों पर अंबेडकर के नजरिये की प्रशंसा होनी चाहिए।
वित्त मंत्री अरूण जेटली और सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण थावर चंद गहलोत इस मौके पर मौजूद थे। इससे पहले आज, मोदी ने संसद परिसर लॉन में अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।