देश में मनाया जा रहा है ईद-उल-अजहा का त्योहार
नई दिल्ली। कुर्बानी का पर्व ‘बकरीद’ का त्योहार देशभर में हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है। ऐसे में लोग एक दूसरे को गले मिलकर बधाइयां दे रहे हैं। इस खास मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी लोगों को त्योहार की बधाई दी। उन्होंने ट्वीट किया कि-‘सभी देशवासियों को ईद मुबारक! ईद-उज़-ज़ुहा प्रेम, त्याग और बलिदान की भावना के प्रति आदर व्यक्त करने और समावेशी समाज में एकता और भाईचारे के लिए मिलकर कार्य करने का त्योहार है। आइए, हम कोविड-19 से बचाव के उपाय अपनाते हुए समाज के हर वर्ग की खुशहाली के लिए काम करने का संकल्प लें।’
राष्ट्रपति ने हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू तीन भाषाओं में लोगों को बधाई दी है। कल शाम भी राष्ट्रपति भवन की ओर से एक बयान जारी किया गया था। जिसमें कहा गया था कि त्योहार खुशियां बांटने और गरीबों और बेसहारा लोगों की मदद करने का भी एक खास मौका होता है। आइये हम कोरोना के प्रसार को रोकने के उपायों को अपनाकर इसके खिलाफ लड़ने का संकल्प लें।
तो वहीं दिल्ली की फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम मुफ्ती मुकर्रम और जामा मस्जिद के शाही इमाम शाह बुखारी ने भी देशवासियों को ईद की मुबारकबाद देते हुए कोरोना गाइडलाइन का पालन करने की अपील की है। मुफ्ती मुकर्रम ने कहा है कि कोविड प्रोटोकॉल के तहत आज मस्जिद के अंदर के लोगों ने ही नमाज़ अदा की। हम दुआ करते हैं कि हमारे देश से कोरोना खत्म हो जाए।
आपको बता दें कि बकरीद पर्व का खासा महत्व है, यह त्योहार एक खास संदेश लोगों को देता है। बकरीद को अरबी में ‘ईद-उल-जुहा’ कहते हैं। अरबी में ‘बकर’ का अर्थ है बड़ा जानवर जो जिबह किया (काटा) जाता है, ईद-ए-कुर्बां का मतलब है ‘बलिदान की भावना’ और ‘कर्ब’ नजदीकी या बहुत पास रहने को कहते हैं मतलब इस मौके पर इंसान भगवान के बहुत करीब हो जाता है।
बकरीद के दिन सबसे पहले नमाज अदा की जाती है। इसके बाद बकरे या फिर अन्य जानवर की कुर्बानी दी जाती है। कुर्बानी के बकरे के गोश्त को तीन हिस्सों करने की शरीयत में सलाह है। गोश्त का एक हिस्सा गरीबों में तकसीम किया जाता है, दूसरा दोस्त अहबाब के लिए और वहीं तीसरा हिस्सा घर के लिए इस्तेमाल किया जाता है।