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देश में रह गए केवल 12 सरकारी बैंक, जाने किन बैंकों का हुआ विलय

केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए कई बैंकों के आपस में विलय का एलान किया है। केंद्र सरकार के इस बड़े एलान के साथ ही अब देश में सरकारी बैंकों की संख्या घटकर 12 रह जाएगी। इस वित्तीय वर्ष की शुरुआत में जहां देना बैंक और विजया बैंक का विलय हुआ था, वहीं शुक्रवार को 10 बैंकों को मिलाकर कुल चार बड़े विलय का एलान किया गया है।

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को बैंकों के विलय का एलान किया। उन्होंने कहा कि यूनाइटेड बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और पंजाब नेशनल बैंक का विलय होगा। दूसरी ओर केनरा बैंक और सिंडिकेट बैंक का आपस में विलय होगा। तीसरा बड़ा विलय यूनियन बैंक, आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का होगा, जबकि इलाहाबाद बैंक के साथ इंडियन बैंक का विलय होगा।

अब इन 10 बैंकों की जगह केवल चार राष्ट्रीयकृत बैंक होंगे, जबकि पहले से मौजूद आठ अन्य राष्ट्रीयकृत बैंकों को मिलाकर देश में सरकारी बैंकों की संख्या केवल 12 रह जाएगी। आइए, जानते हैं कि अब देश में कौन-कौन से सरकारी बैंक रह जाएंगे:

पहले से मौजूद सरकारी बैंक जो अकेले वजूद में हैं
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई)
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया
बैंक ऑफ इंडिया
बैंक ऑफ महाराष्ट्र
यूको बैंक
पंजाब एंड सिंध बैंक
इंडियन ओवरसीज बैंक
बैंक ऑफ बड़ौदा (देना बैंक और विजया बैंक के विलय के बाद)

केंद्र सरकार के नए एलान के अनुसार इन बैंकों का हो रहा है विलय

पंजाब नेशनल बैंक + ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स + यूनाइटेड बैंक
केनरा बैंक + सिंडिकेट बैंक
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया + आंध्रा बैंक + कॉरपोरेशन बैंक
इलाहाबाद बैंक + इंडियन बैंक

जानें, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्या घोषणाएं की
50 साल पहले जुलाई 1969 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 14 निजी बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया था। पांच दशक में कई सारे निजी और राष्ट्रीयकृत बैंक बढ़े और अब केंद्र सरकार के नए एलान के बाद देश में 12 सरकारी बैंक रह जाएंगे। विलय के बाद इन बैंकों का कुल कारोबार 55.81 लाख करोड़ रुपये का हो जाएगा। बैंकों के विलय के बाद इनकी रैंकिंग में भी इजाफा हो जाएगा।

वित्तमंत्री की बड़ी घोषणाएंः
वित्त मंत्री ने कहा कि बैकों ने उपभोक्ताओं के हित में घोषणाएं की हैं।
पंजाब नेशनल बैंक में ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक का विलय।
केनरा बैंक और सिंडिकेट बैंक का होगा विलय
इंडियन बैंक और इलाहाबाद बैंक का होगा विलय।
यूनियन बैंक, आंध्रा बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक का होगा विलय।
सरकारी बैंकों की संख्या 18 से घटकर 12 हुई।
पांच ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था पर काम जारी है।
तीन लाख फर्जी कंपनियां बंद कर दी गई हैं।
बैंकों में कई बड़े सुधार किए गए हैं।
बैंक अच्छे प्रबंधन के साथ काम करेंगे।
250 करोड़ से ज्यादा के कर्ज पर निगाह रखेंगे।
बड़े कर्ज पर निगरानी के लिए एजेंसी बनेगी।
भगोड़ों की संपत्ति पर कार्रवाई जारी रहेगी।
कम वक्त में ज्यादा लोन की स्कीम जारी।
नीरव मोदी जैसे मामले रोकने के लिए सतर्कता।
अभी तक आठ सरकारी बैंकों ने रेपो रेट पर आधारित ब्याज दर की शुरुआत की है।
मुश्किल हालात में चार एनबीएफसी को सरकारी बैंकों से मदद मिली है।
बैंकों के एनपीए में कमी आई है।
एनपीए घटकर 7.90 लाख करोड़ रुपये हुआ है।
18 में से 14 सरकारी बैंकों का मुनाफा बढ़ा है।
बैंकों में कर्मचारियों की छंटनी नहीं की गई है।
लोन रिकवरी रिकॉर्ड स्तर पर है।

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