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देश में 1.32 लाख से ज्यादा मास्क तैयार, बनाने में जुटे हैं करीब 65 हजार लोग

देश में मास्क की कमी को देखते हुए ग्रामीण विकास मंत्रालय ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के तहत 399 जिलों में स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की मदद से मास्क का निर्माण शुरू किया है। देशभर के 14,522 स्वयं सहायता समूहों के 65 हजार से ज्यादा सदस्यों ने अब तक 132 लाख से ज्यादा मास्क बनाकर सौंप भी दिए हैं। मंत्रालय की जानकारी के मुताबिक, महामारी के इस संकट से लड़ने के लिए स्वयं सहायता समूहों ने भी मोर्चा संभाल लिया है। इसमें सबसे पहले हरियाणा ने 13 मार्च को अपने छह जिलों की 48 एसएचजी को इसके लिए लगाया था। उन्होंने दो अप्रैल तक 1,46,080 मास्क बनाकर दे दिए।

इसके बाद हिमाचल के आठ जिलों ने भी मास्क की कमी को देखते हुए 25 मार्च से 150 स्वयं सहायता समूहों को इस काम में लगा दिया, जिन्होंने एक लाख मास्क बनाए। पंजाब के 15 जिलों के 575 एसएचजी ने 21 मार्च से लेकर3 अप्रैल तक दो लाख 43 हजार से ज्यादा मास्क बना दिए थे।

वहीं, उत्तर प्रदेश ने 28 मार्च से 49 जिलों के 968 स्वयं सहायता समूहों की मदद से तीन अप्रैल तक तीन लाख 64 हजार से ज्यादा मास्क बना दिए थे। उत्तराखंड के दस जिलों के 112 स्वयं सहायता समूहों ने 4 लाख 74 हजार से ज्यादा मास्क तैयार कर दिए थे।

इसके अलावा आंध्र प्रदेश के 5 जिलों के 4281 एसएचजी के 21,028 सदस्यों, तमिलनाडु के 32 जिलों के 1927 एसएचजी और उनके 10,780 सदस्यों ने 25,41,440 और 26,01,735 मास्क का उत्पादन किया है। इन राज्यों के अलावा बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, केरल, मध्यप्रदेश और कई पूर्वोत्तर के राज्यों के स्वयं सहायता समूह भी विपदा की इस घड़ी में कंधे से कंधा मिलकर मास्क उत्पादन में जुटे हैं।

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