नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने एक सवाल के जवाब में बताया है कि देश में 29. 11 करोड़ लोगों के पास घरेलू गैस कनेक्शन हैं तो सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही 4.23 करोड़ एलपीजी उपभोक्ता हैं। केंद्र सरकार ने यह भी बताया कि सरकार ने एलपीजी कनेक्शन पाने की प्रक्रिया को पहले से आसान बनाया है। सभी एलपीजी डिस्ट्रिब्यूटर्स को सख्त निर्देश हैं कि कनेक्शन के लिए अनुरोध मिलते ही उसे रजिस्टर्ड करें। दरअसल, भाजपा से लोकसभा सांसद रेखा वर्मा ने लोकसभा में एक अतारांकित सवाल कर घरेलू गैस उपभोक्ताओं के बारे में जानकारी मांगी थी। उन्होंने पूछा था कि उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना (अंतर्गत) लाभार्थियों का जिला वार ब्यौरा क्या है? सांसद ने पिछले तीन वर्षों और वर्तमान वर्ष के दौरान उत्तर प्रदेश में रसोई गैस कनेक्शनों की संख्या और रसोई गैस की कुल खपत से संबंधित आंकड़ों की जानकारी मांगी थी। इसके अलावा रसोई गैस की खपत से संबंधित मांग को पूरा करने के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में भी सूचना मांगी थी।
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने लोकसभा सांसद के सवाल का लिखित जवाब देते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश में अप्रैल-जून 2021 के आंकड़ों के मुताबिक वर्तमान में कुल 4.25 करोड़ एलपीजी कनेक्शन हैं। इससे पूर्व वर्ष 2020-21 में 4.23 करोड़, 2019-20 में 4.04 करोड़ और 2018-19 में 3.76 करोड़ उपभोक्ता रहे। इस प्रकार हर वर्ष उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ रही है।
केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि एलपीजी कनेक्शन जारी करना एक सतत प्रक्रिया है। एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स को निर्देश हैं कि नए कनेक्शन के लिए मिले अनुरोध को तत्काल रजिस्टर्ड करें। एक जुलाई 2021 तक के आंकड़ों के मुताबिक, देश में कुल 29.11 करोड़ उपभोक्ता हैं। इसके अलावा वित्त मंत्री ने एक फरवरी 2021 को अपने बजट भाषण में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत पहले ही जारी किए जा चुके आठ करोड़ एलपीजी कनेक्शन के अलावा और एक करोड़ एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध करवाने की घोषणा की है।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि एलपीजी कनेक्शन प्राप्त करने की प्रक्रिया को भी सरल बनाया गया है। एलपीजी की बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए डिस्ट्रीब्यूटरशिप नेटवर्क की समीक्षा हो रही है। वर्ष 2014 से सरकार ने एलपीजी की बढ़ी हुई मांग पूरी करने के उद्देश्य से एलपीजी क्षेत्र में आपूर्ति संबंधी बुनियादी ढांचे में सुधार किया है।