देश-विदेश के प्रतिभागी छात्रों ने उजागर किया प्रकृति का अलौकिक सौन्दर्य
अन्तर्राष्ट्रीय पर्यावरण ओलम्पियाड (आई.ई.ओ.-2017) का दूसरा दिन
लखनऊ : सिटी मोन्टेसरी स्कूल, गोमती नगर (द्वितीय कैम्पस) के तत्वावधान में आयोजित चार दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय पर्यावरण ओलम्पियाड (आई.ई.ओ.-2017) का दूसरा दिन बेहद ज्ञानवर्धक रहा। इस ओलम्पियाड के अन्तर्गत जहाँ एक ओर देश के प्रख्यात पर्यावरणविदों व बुद्धिजीवियों ने अपने सारगर्भित विचारों से पर्यावरण संवर्धन की महत्ता से अवगत कराया तो वहीं दूसरी ओर श्रीलंका, नेपाल, बांग्लादेश एवं देश के कोने-कोने से पधारे प्रतिभागी छात्रों ने क्विज, इमैजिनियरिंग माई फ्यूचर, भाषण, कोरियोग्राफी, क्ले मॉडलिंग आदि विभिन्न रोचक प्रतियोगिताओं के माध्यम से प्रकृति के पंचतत्वों जल, वायु, अग्नि, धरती व आकाश के महत्व से रूबरू कराकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। विदित हो कि सी.एम.एस. गोमती नगर (द्वितीय कैम्पस) द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय पर्यावरण ओलम्पियाड का आयोजन 9 से 12 दिसम्बर तक सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में किया जा रहा है जिसमें विभिन्न देशों पधारे लगभग 500 छात्र प्रतियोगिताओं के माध्यम से सारी दुनिया को हरित क्रान्ति का संदेश दे रहे हैं।
अन्तर्राष्ट्रीय पर्यावरण ओलम्पियाड के दूसरे दिन का शुभारम्भ ‘पर्यावरण कार्यशाला’ से हुआ, जिसमें गुजरात से पधारे पर्यावरणविद् दीपक गोडिया ने सोलर एनर्जी एवं रिन्युएबल एनर्जी के बारे में विस्तार से बताया। गोडिया ने प्राकृतिक संसाधनांे का महत्व बताते हुए कहा कि आधुनिक जीवन शैली ने जहाँ एक ओर हमारा जीवन स्तर बढ़ाया है तो वहीं दूसरी ओर हमें प्रकृति से दूर कर दिया है। प्रतियोगिताओं का सिलसिला आज सीनियर वर्ग की ‘इमैजिनियरिंग माई फ्यूचर’ प्रतियोगिता से हुआ, जो सभी के आकर्षण का केन्द्र रही। इस प्रतियोगिता में प्रतिभागी छात्रों की क्षमता देखते ही बनती थी, जिन्होंने सफेद रंग के दिये गये ग्लोब पर ब्रश व रंगों के संयोजन से प्रकृति के सौन्दर्य को उकेरा। इस प्रतियोगिता में छात्रों के कला-कौशल, रंग संयोजन व सृजनात्मक विचारों ने निर्णायक मंडल के सदस्यों सहित सभी को दाँतो तले उंगलिया दबाने पर मजबूर कर दिया।
इसी प्रकार सीनियर वर्ग की भाषण प्रतियोगिता में भी देश-विदेश के प्रतिभागी छात्रों ने दर्शकों की खूब वाहवाही लूटी। ‘एडाप्ट द पेस ऑफ नेचर, हर सीक्रेट इज पेशन्स’ विषय पर आयोजित इस रोचक प्रतियोगिता में देश-विदेश की 50 छात्र टीमों ने अपने सारगर्भित विचारों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया एवं मानव जीवन में प्रकृति प्रदत्त धरती के महत्व को रेखांकित किया। प्रतियोगिता में प्रतिभागी छात्रों को दिये गये विषय पर 3 मिनट के समय में अपने विचार रखने थे। प्रतियोगिता में देश-विदेश की 30 छात्र टीमों ने प्रतिभाग किया, जिन्होंने अपने सारगर्भित विचार रखते हुए कहा कि ईश्वर ने प्रकृति रूपी वरदान दिया है परन्तु हमारा लालच उन्हें नष्ट करता जा रहा है। प्रकृति अब हमें अपनी नाराजगी बाढ़, भूकंप, तूफ़ान इत्यादि के माध्यम से प्रकट कर रही है। पर्यावरण सुरक्षा किसी एक व्यक्ति या देश के वश में नहीं है, इसके लिए सभी देशों के लोगों को अपनी जिम्मेदारी समझकर पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक होना होगा। हम विलुप्त पशु-पक्षी या पेड़-पौधों की प्रजाति को वापस नहीं ला सकते तो हमें उन्हें खत्म करने का भी अधिकार नहीं है।
सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी हरि ओम शर्मा ने बताया कि अन्तर्राष्ट्रीय पर्यावरण ओलम्पियाड के अन्तर्गत श्रीलंका, नेपाल, बांग्लादेश व देश के विभिन्न प्रान्तों से पधारे लगभग 500 बाल पर्यावरणिविद् विभिन्न प्रतियोगिताओ में अपने ज्ञान का प्रदर्शन कर रहे हैं। ओलम्पियाड के तीसरे दिन कल, 11 दिसम्बर को देश-विदेश के छात्र क्विज, कोर्टरूम ड्रामा एवं स्ट्रीट प्ले आदि प्रतियोगिताओं में अपने ज्ञान का प्रदर्शन करेंगे। इससे पहले, ‘पर्यावरण कार्यशाला’ के अन्तर्गत प्रख्यात पर्यावरणविद् पर्यावरण संवर्धन का अलख जगायेंगे।