देश स्थिरता और विश्वसनीयता के लिए बदल रहा टैक्स कानून: अरुण जेटली
सिंगापुर : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज (गुरुवार) कहा कि भारत स्थिरता और भरोसे के लिए अपने ज्यादातर कर कानूनों में धीरे-धीरे परिवर्तन कर रहा है और प्रस्तावित वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) कानून इस दिशा में एक बड़ा कदम है।
उन्होंने निवेशकों को आश्वस्त किया कि भारत राज्यों के बीच भी कानूनों में एकरूपता लाने की कोशिश में लगा है। वित्त मंत्री ने कहा, ‘कारोबारी सुगमता बढ़ाने के लिए आवश्यक एक बड़ा कदम अंतरराज्यीय भिन्नता को घटाना और राज्यों के बीच व्यापार में बाधाओं को कम करना है। कई क्षेत्रों में केन्द्र सरकार ने एक आदर्श कानून पेश किया है और राज्यों को इसे अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्रस्तावित जीएसटी इस दिशा में एक बड़ा कदम है।’
जेटली ने कहा, ‘इससे कराधान की दरों में एकरूपता होगी, अधिक अनुपालन होगा और जाहिर तौर पर निश्चितता होगी। इससे भारत की जीडीपी को मदद मिलेगी।’ उल्लेखनीय है कि जीएसटी विधेयक पिछले तीन सत्रों से राज्यसभा में लंबित है। विपक्षी पार्टी कांग्रेस चाहती है कि इसमें कोई अतिरिक्त कर न लगे और कर पर 18 प्रतिशत की संवैधानिक सीमा हो। यद्यपि केन्द्र सरकार पहली शर्त पर राजी है और यहां तक कि उसने जीएसटी को सीमित करने पर सहमति जताई है, पर उसने संविधान में सीमा तय करने से मना कर दिया है।
जेटली ने गुरुवार को एशियन बिजनेस लॉ इंस्टीट्यूट (एबीएलआई) शुरू किए जाने का स्वागत किया। इस संस्थान के सदस्यों में भारत, चीन, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर शामिल हैं। सिंगापुर स्थित एबीएलआई का उद्देश्य कारोबार और वाणिज्य के लिए सदस्य देशों में परस्पर लाभप्रद कानूनों पर चर्चा के लिए एक मंच बनना है।