देसी नस्ल की गायों का संरक्षण व संवर्द्धन जरूरी -कलेक्टर
कृषि के साथ पशुपालन अपनाकर अपनी आय बढ़ा सकते हैं किसान- कलेक्टर
ज्यादा दूध देने वाली गायों तथा भैंसों के पशुपालकों को किया गया पुरस्कृत
रायसेन : भारतीय नस्ल के गौवंशीय एवं भैंस वंशीय दुधारू पशुओं के पालन को बढ़ावा देने तथा अधिक दुग्ध उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करने के लिए जिला पशुचिकित्सालय परिसर में जिला स्तरीय गोपाल पुरस्कार प्रतियोगिता आयोजित की गई। प्रतियोगिता के पुरूस्कार वितरण कार्यक्रम में कलेक्टर श्रीमती भावना वालिम्बे ने कहा कि दुग्ध उत्पाद के क्षेत्र में जिले का नाम प्रदेश स्तर पर स्थापित हो, इसके लिए संबंधित विभाग एवं पशुपालकों को प्रयास करना चाहिए। इस योजना से देशी नस्ल की गायों का संरक्षण एवं संवर्द्धन के साथ-साथ दुग्ध उत्पाद को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस प्रतियोगिता में पुरस्कार प्राप्त करने वाले पशुपालकों तथा अन्य पशु पालकों को दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। इसके साथ ही जिले के अन्य पशु पालक दुग्ध उत्पान व्यवसाय की ओर आकर्षित होंगे। उन्होंने कहा कि यदि किसान खेती के साथ-साथ पशुपालन भी करते हैं तो उनकी आय में निश्चित रूप से वृद्धि होती है। अन्य लोगों की तुलना में किसानों के लिए पशुपालन अधिक लाभकारी है। सरकार द्वारा किसानों की आय बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाएं चलाकर उन्हें कृषि के साथ-साथ पशुपालन के लिए भी प्रेरित कर रही हैं।
पशुपालन विभाग द्वारा आयोजित जिला स्तरीय गोपाल पुरस्कार प्रतियोगिता में सर्वाधिक दूध देने वाली प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाली गायों तथा भैंसों के पशुपालकों को कलेक्टर श्रीमती भावना विलम्बे द्वारा पुरस्कार प्रदान किया गया। प्रतियोगिता के लिए जिले के सभी विकासखण्डों में विकासखण्ड स्तर पर प्रतियोगिता आयोजित कर प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय स्थान पर आने वाली गायों को मिलाकर जिला स्तर की प्रतियोगिता के लिए गायों का चयन किया गया। इस अवसर पर कृषि स्थायी समिति जिला पंचायत के अध्यक्ष श्री नेतराम कौरव, उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं डॉ प्रमोद अग्रवाल उपस्थित थे।
गौवंशीय प्रतियोगिता में पुरस्कार
कलेक्टर श्रीमती भावना वालिम्बे द्वारा जिला स्तरीय गोपाल पुरस्कार के अंतर्गत गौवंशीय प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार के रूप में देसी नस्ल की गाय के पशुपालक श्री आशीष राजपूत निवासी गगनवाडा विकासखण्ड बाड़ी को 50 हजार रूपये तथा प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। इस गाय ने तीन स्तरों पर कुल औसत 15.155 लीटर दूध दिया है। द्वितीय पुरस्कार श्री नितिन राय सिलवानी को 25 हजार रूपये तथा प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। श्री नितिन राय की देसी नस्ल की गाय औसत 14.760 लीटर दूध देकर द्वितीय स्थान पर रही। इसके साथ ही श्रीमती लक्ष्मी बाई सिहचौरास विकासखण्ड उदयपुरा को तृतीय पुरस्कार के रूप में 15 हजार रूपए प्रदान किया गया। इनकी गाय ने 14.012 लीटर दूध दिया। इसके अलावा कलेक्टर द्वारा 07 गायों के पालकों को पांच-पांच हजार रूपए की राशि एवं प्रमाण पत्र सांत्वना पुरस्कार के रूप में प्रदान किया गया।
भैंसवंशीय प्रतियोगिता में पुरस्कार
इसी प्रकार जिला स्तरीय गोपाल पुरस्कार प्रतियोगिता के अंतर्गत भैस वंशीय प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार के रूप में मुर्रा नस्ल की भैंस के पशुपालक श्री अशोक कुमार यादव मडकासिया विकासखण्ड औबेदुललगंज को 50 हजार रूपये तथा प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। इस भैंस ने तीन स्तरों पर कुल औसत 15.075 लीटर दूध दिया है। द्वितीय पुरस्कार के रूप में श्री देवीकिशन निवासी पठारी विकासखण्ड सांची को 25 हजार रूपये तथा प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। श्री देवी किशन की मुर्राक्रास नस्ल की भैंस औसत 12.853 लीटर दूध देकर द्वितीय स्थान पर रही। इसके साथ ही श्री राम सिंह सॉईखेड़ा विकासखण्ड सिलवानी को तृतीय पुरस्कार के रूप में 15 हजार रूपए प्रदान किए गए। इनकी देशी नस्ल की भैंस ने 12.084 लीटर दूध दिया। इसके अलावा कलेक्टर द्वारा 03 भैंसों के पालकों को पांच-पांच हजार रूपए की राशि एवं प्रमाण पत्र सांत्वना पुरस्कार के रूप में प्रदान किया गया।
देशी नस्ल की गायों का सरंक्षण एवं संवर्द्धन
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार के पशुपालन विभाग द्वारा देसी नस्ल के गायों एवं भैंसों के सरंक्षण और संवर्धन के लिए गोपाल पुरस्कार योजना लागू की गई है। इस योजना के अंतर्गत विकासखण्ड स्तर, जिला स्तर एवं राज्य स्तर पर पुरस्कार प्रदान किया जाता है। जिला स्तर पर प्रथम, द्वितीय स्थान पर रही गायों तथा भैंसों को राज्य स्तर की प्रतियोगिता के लिए भेजा जाएगा। जिसमें प्रथम पुरस्कार प्राप्त करने वाले पालक को दो लाख रूपए, द्वितीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले को एक लाख रूपए तथा तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले को 50 हजार रूपए की राशि प्रदान की जाती है।