महंत इन्दिरेश अस्पताल में भर्ती एक मरीज रात को पहली मंजिल से कूद गया, जिससे उसके पैर में चोट आई है। परिजन मरीज की चोट का इलाज कराकर घर ले गए। जानकारी के अनुसार, डेंगू से पीड़ित 72 वर्षीय एक मरीज श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में मंगलवार को भर्ती था। मंगलवार रात वह अस्पताल के ऑर्थो वार्ड वाली पहली मंजिल से कूद गया। जिससे मरीज के पैर में चोट आई। इससे अस्पताल के सुरक्षाकर्मियों और परिजनों में हड़कंप मच गया। इलाज कराने के बाद बुधवार सुबह परिजन उसे घर ले गए। अस्पताल के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी भूपेंद्र रतूड़ी ने बताया कि परिजनों से पूछताछ में पता लगा कि मरीज मानसिक रूप से परेशान है। मरीज की हालत सामान्य है और परिजन उन्हें घर ले गए हैं।
डेंगू का प्रकोप बरकरार, मरीजों की संख्या 4000 पार
मौसम में ठंडक बढ़ने के बावजूद डेंगू का प्रकोप कम नहीं हुआ है। जिले में अब मरीजों की संख्या 4114 तक पहुंच गई है। बुधवार को जनपद में 140 नए मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई। बुधवार को दून अस्पताल में 184 में से 28 मरीजों की एलाइजा जांच में डेंगू की पुष्टि हुई।
इसी तरह, राजकीय गांधी नेत्र विज्ञान अस्पताल में 46 में से 40 मरीजों, कोरोनेशन में 50 में से 41, एसपीएस अस्पताल ऋषिकेश में 156 में से 25 और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रायपुर में 22 में से छह मरीजों में एलाइजा जांच में डेंगू की पुष्टि हुई। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एसके गुप्ता ने बताया कि अभी कुछ पुराने मामले भी सामने आ रहे हैं। सर्दी बढ़ने के साथ ही डेंगू खत्म होगा। इसमें अभी कुछ और समय लगेगा। स्वास्थ्य विभाग लगातार जागरूकता और डेंगू मच्छर के लार्वा को नष्ट करने के लिए अभियान चला रहा है।
हल्द्वानी में पैथौलॉजी वाले तो एलाइजा की रिपोर्ट दे ही नहीं रहे हैं
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का डर पैथौलॉजी वालों पर नहीं है। एक को छोड़कर तीन अन्य पैथौलॉजी सेंटर स्वास्थ्य विभाग को एलाइजा जांच की रिपोर्ट नहीं दे रहे हैं। रिपोर्ट न देने वाली पैथौलॉजी के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। एलाजा जांच के बाद डेंगू के 37 नए मरीज मिले हैं।
अब तक 2121 डेंगू मरीज मिल चुके हैं। सुशीला तिवारी अस्पताल के पीआरओ आलोक उप्रेती भी डेंगू की चपेट में हैं। बेस अस्पताल में 19, एसटीएच में 11 और निजी लैब में 07 मरीजों की एलाइजा जांच की गई और डेंगू पाजिटिव निकला। बेस में 41, एसटीएच में 21 और निजी अस्पताल में डेंगू के नौ मरीज भर्ती कराए गए हैं।
डेंगू पर काबू पाने में असफल स्वास्थ्य विभाग सिर्फ लार्वा नष्ट करने, सोर्स रिडेक्शन और स्कूल के बच्चों को डेंगू के लक्षण एवं बचाव के उपाए बताकर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं। बेस अस्पताल में जांच कराने वाले मरीजों की पैथौलॉजी में भी लंबी लाइन लग रही है। सीएमओ डॉ. भारती राणा ने कहा कि एक लैब और है जो एलाइजा जांच कर रही है। मंगलवार तक लैब की ओर से एलाइजा की रिपोर्ट नहीं दी गई है। स्वास्थ्य विभाग नोटिस देकर जवाब तलक करेगा।
डेंगू को महामारी घोषित किया जाए
कांग्रेस के जिला महामंत्री हेमंत साहू ने मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट प्रत्यूष सिंह को सौंपा। उन्होंने डेंगू को महामारी घोषित करने, डेंगू पीड़ित परिजनों को उचित मुआवजा देने की मांग की। उन्होंने कहा कि डेंगू पीड़ितों के आंकड़े छुपाए जा रहे हैं। आंकड़े छुपाने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। निजी पैथालाजी लैबों ने अपने-अपने आंकड़े नहीं दिए हैं उन पर भी कार्रवाई की जाए। ज्ञापन देने वालों में पार्षद नीमा भट्ट, हिमांशु जोशी, हृदयेश कुमार, विशाल भारती, अनीस, दीपा खत्री, जमील कुरैशी, विकास तिवारी आदि थे।