देहरादून से दिल्ली के लिए भारत में पहली बार जैविक ईंधन से उड़ा विमान
![देहरादून से दिल्ली के लिए भारत में पहली बार जैविक ईंधन से उड़ा विमान](https://dastaktimes.org/wp-content/uploads/2018/08/jaivik.jpg)
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एयरलाइन में बयान में कहा कि एटीएफ की तुलना में जैवजेट ईंधन इस्तेमाल का फायदा यह है कि इससे कॉर्बन उत्सर्जन घटता है और साथ ही ईंधन दक्षता भी बढ़ती है। स्पाइसजेट ने कहा कि जट्रोफा फसल से बने इस ईंधन का विकास सीएसआईआर-भारतीय पेट्रोलियम संस्थान, देहरादून ने किया है।
परीक्षण उड़ान पर करीब 20 लोग सवार थे। इनमें नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) और स्पाइसजेट के अधिकारी शामिल रहे। एयरलाइन के एक अधिकारी ने बताया कि यह उड़ान करीब 25 मिनट की थी। स्पाइसजेट के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अजय सिंह ने कहा कि जैव जेट ईंधन की लागत कम बैठती है और साथ ही यह उल्लेखनीय रूप से कॉर्बन उत्सर्जन घटाने में मदद करता है।
उन्होंने कहा, ‘‘इसमें हमारी परंपरागत विमान ईंधन पर प्रत्येक उड़ान में निर्भरता में करीब 50 प्रतिशत की कमी लाई जा सकती है। इससे किराये में भी कमी आएगी। जैव जेट ईंधन को अमेरिकी मानक परीक्षण प्रणाली (एएसटीएम) से मान्यता है और यह विमान में प्रैट एंड व्हिटनी तथा बॉम्बार्डियर के वाणिज्यिक एप्लिकेशन के मानदंडों को पूरा करता है। क्यू400 विमान में 78 सीटें हैं।
एयरलाइंस कंपनियों के वैश्विक निकाय आईएटीए के अनुसार वैश्विक स्तर पर ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में विमानन उद्योग का हिस्सा दो प्रतिशत बैठता है।