नई दिल्ली : धनतेरस सोना खरीदने का सबसे अच्छा दिन माना जाता है। देश और दुनिया में कितना सोना है और इसका क्या महत्व है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार दुनिया में जब से सोने का खनन शुरू हुआ है, जमीन से करीब दो लाख टन सोना निकाला जा चुका है। फिलहाल सोने के सालाना उत्पादन और उपयोग में चीन सबसे आगे है। काउंसिल की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 24 हजार टन सोना होने का अनुमान है। इसमें भी भारतीय महिलाओं के पास 21 हजार टन सोना है। यह दुनिया में सबसे ज्यादा है। इतना सोना सबसे ज्यादा गोल्ड रिजर्व वाले शीर्ष पांच देशों के बैंकों के भंडार को मिलाकर भी नहीं है। भारतीय परिवारों में निवेश के मामले में सबसे बड़ी प्राथमिकता जमीन है। दूसरा नंबर सोने का है। लोग कुल बचत का 84 प्रतिशत हिस्सा तक रियल एस्टेट में लगाते हैं तो 11 प्रतिशत हिस्सा गोल्ड में जाता है। भारत में लोग अपनी बचत का सिर्फ 5 प्रतिशत ही बैंक अकाउंट, शेयर, फंड जैसे साधनों में लगाते हैं। लेकिन देश के कुछ राज्यों में गोल्ड में निवेश राष्ट्रीय औसत से बहुत ज्यादा है। इसमें सबसे ज्यादा तमिलनाडु में लोग कुल निवेश का 28.3 प्रतिशत हिस्सा सोने में लगाते हैं। भारतीय घरों में मौजूद कुल सोने में करीब 80 प्रतिशत हिस्सा गहनों का है। सोने के गहनों पर बड़ी गोल्ड कंपनियां मेकिंग चार्ज के रूप में सोने की कीमत का 14 प्रतिशत तक लेती हैं। सोने के उत्पादन में भारत बहुत पीछे है। स्टेटिस्टा के मुताबिक देश में 2017 में सिर्फ 1,594 किलो यानी डेढ़ टन साेने का उत्पादन हुआ। कर्नाटक में सोने का सबसे ज्यादा प्रोडक्शन होता है। देश में सोने का प्रोडक्शन घट रहा है। वर्ष 2000 में सोने का उत्पादन 2615 किलो हुआ था। 2007-08 में सोने का 2969 किलो उत्पादन हुआ था। इसके बाद सोने का उत्पादन घटने लगा। 2013-14 में 1564 किलोग्राम सोने का उत्पादन हुआ था।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की एक रिपोर्ट के अनुसार हमारे यहां 24 हजार टन सोना है। पिछले पांच साल में औसतन 849 टन सोने का हर साल उपयोग हुआ है। लेकिन 2017 में ये उपयोग 727 टन रहा। सोने का सबसे ज्यादा इम्पोर्ट भारत करता है। भारत में हर साल जितना भी सोना आता है, वो घरों में जमा हो जाता है। भारत में सोने को सहेज कर रखने की संस्कृति है।