धन लाभ के लिए करें लक्ष्मी-विनायक मंत्र का जाप, ऐसे करें देवी-देवता की पूजा
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भगवान गणेश की पूजा के साथ महालक्ष्मी की पूजा जरूर करनी चाहिए। इन दोनों देवी-देवता की पूजा से सभी दुख दूर हो सकते हैं। बुधवार को गणेशजी का दिन माना गया है इनकी की कृपा से रिद्धि-सिद्धि मिलती है और महालक्ष्मी की कृपा से गरीबी दूर होती है।
इतना ही नहीं सावन मास में इनकी पूजा करना विशेष फलदायी होता है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार जानिए लक्ष्मी-गणेश की पूजा कैसे कर सकते हैं…- सुबह स्नान के बाद पीले कपड़े पहनें। किसी मंदिर में जाएं या घर के मंदिर में ही श्रीगणेश और लक्ष्मीजी की पूजा की तैयारी करें।
– पूर्व दिशा की ओर मुंह करके कुश के आसन पर बैठ जाएं।
– दोनों देवी-देवता को पंचामृत से स्नान कराएं। दूध, दही, घी, शहद और शकर से पंचामृत बनता है।
– इसके बाद श्रीगणेश की मूर्ति को हल्दी से पीले किए हुए चावल पर विराजित करें। देवी लक्ष्मी की मूर्ति को कुमकुम से लाल किए हुए चावल पर विराजित करें।
– गणेशजी को चंदन, लाल फूल चढ़ाएं। देवी लक्ष्मी को भी कुमकुम और लाल फूल अर्पित करें।
– गुड़ के लड्डू और दूध से बनी खीर का भोग लगाएं।
– सुगंधित अगरबत्ती जलाएं। दीपक जलाएं। लक्ष्मी-गणेशजी की आरती करें।
– पूजा के अंत में भगवान से गलतियों की क्षमा मांगे और मनोकामनाओं को पूरा करने की प्रार्थना करें।
– इसके बाद पंचामृत और प्रसाद ग्रहण करें। दूसरों को भी बांटें।
– इस पूजा में गणेशजी और महालक्ष्मी के मंत्रों का जप भी करना चाहिए।
लक्ष्मी-विनायक मंत्र
दन्ताभये चक्र दरो दधानं, कराग्रस्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।
धृताब्जया लिंगितमब्धिपुत्रया लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे।।
श्रीं गं सौम्याय गणपतये वर वरदे सर्वजनं में वशमानय स्वाहा।।
– पूजा में इस लक्ष्मी-विनायक मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें। मंत्र जाप के लिए कमल के गट्टे की माला का उपयोग करना चाहिए। ध्यान रखें मंत्र का जप सही उच्चारण के साथ करना चाहिए।