उत्तर प्रदेश

धार्मिक अज्ञानता से पूरे विश्व में अराजकता की स्थितिः डा.गांधी

‘इण्टरनेशनल इण्टरफेथ कान्फ्रेन्स’ सी.एम.एस. में 12 अगस्त से

लखनऊ। सिटी मोन्टेसरी स्कूल, अशर्फाबाद कैम्पस द्वारा तीन दिवसीय सातवीं इण्टरनेशनल इन्टरफेथ कान्फ्रेन्स का आयोजन आगामी 12 से 14 अगस्त तक सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में किया जा रहा है। इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रतिभाग हेतु इजिप्ट, अमेरिका, इंग्लैण्ड, दक्षिण अफ्रीका, जर्मनी, बांग्लादेश, कनाडा, रोमानिया, अल्जीरिया, मोरक्को, सउदी अरब, ईरान, नेपाल, श्रीलंका एवं भारत के विभिन्न प्रान्तों से विद्वान, विचारक, दार्शनिक, धर्मावलम्बी व न्यायविद् आदि लखनऊ पधार रहे हैं। यह अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन ‘द रोल ऑफ रिलीजन इन डेवलपमेन्ट’ थीम पर आयोजित किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य ‘विभिन्न धर्मो के बीच समन्वय’ स्थापित कर विश्व एकता के महान लक्ष्य के प्रति पूरे विश्व समाज को जागरूक करना है। उक्त जानकारी आज यहाँ आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेन्स में इण्टरनेशनल इन्टरफेथ कान्फ्रेन्स की संयोजिका एवं सी.एम.एस. अशर्फाबाद कैम्पस की प्रधानाचार्या श्रीमती तृप्ति द्विवेदी ने दी। इस अवसर पर सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी के अलावा सी.एम.एस. चौक कैम्पस की प्रधानाचार्या श्रीमती अदिति शर्मा एवं शिक्षाविद् सुश्री फरीदा वाहेदी भी उपस्थित थीं।

प्रेस कान्फ्रेन्स में पत्रकारों से बातचीत करते हुए श्रीमती तृप्ति द्विवेदी ने कहा कि ‘मानवता का धर्म’ ही शाश्वत सत्य है और इस सत्य से बच्चों को अवगत कराना आज समय की माँग है, तभी धार्मिक एकता व विश्व एकता का सपना साकार हो सकता है। इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन के माध्यम से हमारा प्रयास है कि विश्व के विभिन्न धर्मों के बीच संवाद कायम किया जाए एवं धर्म के आधार पर होने वाली दूरियों को मिटाकर एवं संसार में प्रेम और भाईचारा की भावना को बढ़ावा दिया जाए। सम्मेलन की रूपरेखा बताते हुए श्रीमती द्विवेदी ने बताया कि यह अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन ‘द रोल ऑफ रिलीजन इन डेवलपमेन्ट’ थीम पर आयोजित किया जा रहा है, जिसके अन्तर्गत विभिन्न विषयों पर गंभीर चर्चा-परिचर्चा की जायेगी जिनमें एजुकेशन, जेन्डर इक्वलिटी, गवर्नेन्स, रिलीजियस कोइक्जिस्टेन्स एण्ड इन्क्लूसिव सोसाईटीज, एप्रोप्रियेट टेक्नोलॉजी एवं इकोनॉमिक एक्टिविटी आदि प्रमुख हैं। सम्मेलन में पधार रहे विभिन्न देशों के विद्वजन बड़े विस्तार से अपने विचारों को रखेंगे।

प्रेस कान्फ्रेन्स में उपस्थित सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने कहा कि धर्म विवाद का नहीं वरन् संवाद का विषय है, परन्तु वर्तमान समय में धार्मिक अज्ञानता की स्थिति ने पूरे विश्व को अराजकता की स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया है जिससे भावी पीढ़ी के सुखद व सुन्दर भविष्य पर सवाल उठने लगे हैं। इस सम्मेलन को आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य शैक्षणिक एवं व्यवहारिक दृष्टिकोण से विभिन्न धर्मों के बीच पारस्परिक सम्बन्धों को जानने के साथ ही यह भी जानना है कि विभिन्न धार्मिक समुदायों के बीच हुए संवाद से हमें किस प्रकार के सर्वमान्य परिणाम प्राप्त हो सकते हैं? साथ ही वे कौन से तथ्य हैं जिनकी सहायता से हम विश्व स्तर पर विभिन्न धार्मिक समुदायों के मध्य परस्पर विश्वास एवं एकता के विचारों को सफलतापूर्वक स्थापित कर सकते हैं। सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी हरि ओम शर्मा ने बताया कि सम्मेलन का रंगारंग उद्घाटन 12 अगस्त को सायं 5.00 सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में शिक्षात्मक-साँस्कृतिक कार्यक्रमों की इन्द्रधनुषी छटा के बीच सम्पन्न होगा, जबकि देश-विदेश से पधार रहे विद्वजनों की परिचर्चा का दौर 13 एवं 14 अगस्त को सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में चलेगा, जिसके माध्यम से ‘धार्मिक समन्वय’ का संदेश सारे विश्व परिदृश्य पर गुंजायमान होगा।

इस अवसर पर सी.एम.एस. चौक कैम्पस की प्रधानाचार्या श्रीमती अदिति शर्मा ने कहा कि यह सम्मेलन वास्तव में अत्यन्त ही समयानुकूल है। विभिन्न धर्मों का जो स्वरूप आज हमें दिखाई देता है उसका आधार अलग-अलग संस्कृतियाँ व भौगोलिक परिस्थितियां आदि हैं परन्तु आध्यात्मिक शिक्षा तो सभी धर्मों की एक ही है। ऐसे में आज भावी पीढ़ी को यह समझाने की आवश्यकता है कि सभी धर्मों का उद्देश्य एक ही है ‘मानव धर्म’ और सभी धर्म हमें एक ही परमपिता परमात्मा की ओर ले जाते हैं। सम्मेलन की अभूतपूर्व सफलता की कामना करते हुए शिक्षाविद् सुश्री फरीदा वाहेदी ने विश्वास व्यक्ति किया कि यह सम्मेलन सम्पूर्ण विश्व समाज में एकता, शान्ति व सौहार्द का वातावरण स्थापित करने में सहायक होगा।

 

 

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