व्यापार

धीरे-धीरे रसोई से गायब होने लगा प्याज, कीमत 80 रुपये पहुंची

बुधवार को प्याज की खुदरा कीमतें 70 से 80 रुपये प्रति किलो के बीच ऊंचे स्तर पर कायम रही। इससे लोगों की रसोई और सलाद की प्लेट से प्याज गायब होने लगा है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली, मुंबई और लखनऊ जैसे शहरों में खुदरा प्याज की कीमत 60 रुपये किलो है। मुंबई में यह 58 रुपये किलो और चेन्नई में 42 रुपये किलो बेचा जा रहा है। कानपुर में, प्याज की कीमत 70 रुपये किलो और पोर्ट ब्लेयर में 80 रुपये किलो है। हालांकि, व्यापारिक आंकड़ों के हिसाब से प्याज की गुणवत्ता और उसके उत्पादन के स्थान के आधार पर, देश के अधिकांश हिस्सों में खुदरा प्याज की कीमतें 70-80 रुपये प्रति किलोग्राम के दायरे में चल रही हैं।

महाराष्ट्र जैसे बाढ़ प्रभावित उत्पादक राज्यों से आपूर्ति बाधित होने से पिछले एक महीने से प्याज की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। पिछले कुछ दिनों में प्रमुख उत्पादक राज्यों में भारी बारिश के कारण कीमतें तेजी से बढ़ी हैं।

उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने बुधवार को ट्वीट किया, ‘‘केंद्र के पास पर्याप्त मात्रा में प्याज है। राज्य सरकारों को जितना प्याज चाहिये, वह ले सकती हैं।’’ केंद्र सरकार अपने बफर स्टॉक से प्याज को बाजार में उतार कर घरेलू बाजार में आपूर्ति में सुधार कर रही है।

प्याज का बफर स्टॉक लगभग 50,000 टन का है, जिसमें से 15,000 टन प्याज को नाफेड, एनसीसीएफ और मदर डेयरी के सफल बिक्रीकेन्द्र जैसी एजेंसियों के माध्यम से बाजार में जारी किया गया है।

पासवान ने कहा कि केंद्र ने अब तक त्रिपुरा को 1,850 टन प्याज, हरियाणा को 2,000 टन और आंध्र प्रदेश को 960 टन प्याज 15.59 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से दिये हैं। ये राज्य उपभोक्ताओं को अधिकतम 23.90 रुपये किलो की दर से प्याज बेचेंगे।

पासवान ने ट्वीट किया, ‘‘दिल्ली सरकार ने 28 सितंबर से 5 दिन के लिए प्रति दिन 100 टन प्याज देने का अनुरोध किया है। हम दिल्ली को प्याज की जरूरी मात्रा प्रदान करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि केंद्र सभी राज्यों को 15.59 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से प्याज उपलब्ध कराने के लिए तैयार है।

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