स्वास्थ्य

धूम्रपान फेफड़ों और दिल को ही नहीं, आंखों की रोशनी को भी पहुंचाता है नुकसान

जानकार मानते हैं कि सिगरेट का धुंआ शरीर के अंदर रक्त प्रवाह पर बहुत बुरा असर डालता है।

धूम्रपान करना सेहत के लिए हानिकारक होता है ये बाद आपको सिगरेट के हर पैकेट पर लिखी मिल जाएगी। इसके बावजूद लोग धूम्रपान करते हैं। अमेरिकी सरकार की एक रिपोर्ट में यह बताया गया है कि धूम्रपान से न केवल फेफड़ों का कैंसर होता है बल्कि इसके कारण अंधापन, डायबिटीज, लीवर का कैंसर और पौरूष में कमी जैसी बीमारियां भी होने का खतरा रहता है।

तंबाकू हमारे शरीर के साथ-साथ आंखों को भी प्रभावित करता है। धूम्रपान करने वालों की आंखों में जलन होना सामान्य है, इसके अलावा इससे आंखों की रोशनी भी जा सकती है। हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज के रोगियों को धूम्रपान बिलकुल भी नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे रक्त में निकोटिन का स्तर बढ़ जाता है, जो रेटीना के लिए खतरनाक है।

आंखों को खतरा

सिगरेट में निकोटीन युक्त तंबाकू होता है। इसमें मौजूद कई ऑक्सीडेंट्स आंखों को नुकसान पहुंचाते हैं। धूम्रपान करने वालों के संपर्क में हमेशा रहने वाले लोगों को भी यही खतरा रहता है। धूम्रपान करने वालों की आंखों को तंबाकू के जहरीले धुएं में मौजूद रसायनों से कंजक्टिवा के ग्लोबलेट सेल्स क्षतिग्रस्त कर सकते हैं|

मोतियाबिंद की समस्या

अमेरिकी इकाई सर्जन जनरल की रिपोर्ट के मुताबिक धूम्रपान से आंखों की कई समस्याएं हो सकती हैं, इसमें मोतियाबिंद भी है। धूम्रपान के जरिये तंबाकू के संपर्क में आने वाले लोगों में दूसरों के मुकाबले मोतियाबिंद होने का खतरा अधिक होता है। इसी तरह न्यूक्लियर और पोस्टियर पोलर किस्म के कैटरेक्ट भी इन्हीं लोगों को छोटी उम्र से ही होने लगते हैं। 

गुर्दे के लिए खतरनाक

धूम्रपान आपके फेफड़ों और दिल ही नहीं, बल्कि गुर्दे के लिए भी खतरनाक है। अभी तक यही माना जाता था कि सिगरेट पीने से फेफड़े और दिल की सेहत पर बुरा असर पड़ता है। लेकिन, ताजा अध्ययन बताते हैं कि सिगरेट गुर्दे पर इस हद असर डालता है कि वे काम करना बंद भी कर सकते हैं। हाल ही में एक अध्ययन में यह बात सामने आई कि धूम्रपान नहीं करने वाले पुरुषों की तुलना में धूम्रपान करने वाले पुरुषों के गुर्दे की कार्यक्षमता में एक तिहाई कमी आती है।विशेषज्ञ मानते हैं कि सिगरेट का धुंआ शरीर के अंदर रक्त प्रवाह पर बहुत बुरा असर डालता है। इसका सीधा असर गुर्दे के काम करने की क्षमता पर पड़ता है। धूम्रपान से धमनियां कड़ी हो जाती हैं और रक्त वाहिकाएं भी संकुचित हो जाती हैं। जिससे गुर्दे के रक्त प्रवाह में रुकावट पैदा होती है और उसके कार्य करने की क्षमता पर बुरा असर पड़ता है।

 

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