![नई नवेली दुल्हनें ऐसे रखें करवा चौथ का व्रत, ये बाते आपको पंडित ने भी न बताई होगी](https://dastaktimes.org/wp-content/uploads/2018/10/karwa_chauth_1507365403.jpg)
नई नवेली दुल्हनें निराश न हों, वे बिना संकोच के करवा चौथ का व्रत रख सकेंगी। ये जानकारी पढ़ें, इसके बारे में पंडित ने बताया नहीं होगा। आपका दिल खुश हो जाएगा…
करवाचौथ का व्रत 27 अक्तूबर (शनिवार) को है। यह सौभाग्यवती स्त्रियों का व्रत है। वे अपने पति की दीर्घायु, स्वास्थ्य, समृद्धि और अपने प्रति उनके स्थित प्रगाढ़ प्रणव की कामना से यह कठिन व्रत करती हैं। यह कहना है सेक्टर-30 के श्रीमहाकाली मंदिर स्थित भृगु ज्योतिष केंद्र के प्रमुख पंडित बीरेंद्र नारायण मिश्र का।
उन्होंने कहा कि 17 से लेकर 31 अक्तूबर तक शुक्र अस्त है। लेकिन जो त्योहार नियत हैं, जिसमें होली, दशहरा, दिवाली, करवाचौथ आदि के लिए शुक्र अस्त का दोष नहीं लगता है। इसलिए जिन कन्याओं का विवाह इस वर्ष हुआ है वह अपने पति की दीर्घायु, अरोग्यता और अपने अखंड सौभाग्य के लिए व्रत बिना संकोच करें। इसमें शुक्र अस्त का कोई विचार नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि 17 से लेकर 31 अक्तूबर तक शुक्र अस्त है। लेकिन जो त्योहार नियत हैं, जिसमें होली, दशहरा, दिवाली, करवाचौथ आदि के लिए शुक्र अस्त का दोष नहीं लगता है। इसलिए जिन कन्याओं का विवाह इस वर्ष हुआ है वह अपने पति की दीर्घायु, अरोग्यता और अपने अखंड सौभाग्य के लिए व्रत बिना संकोच करें। इसमें शुक्र अस्त का कोई विचार नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि निर्णय सिंधु के अनुसार चंद्रमा के उदय काल में यदि चतुर्थी तिथि हो तो करवाचौथ का व्रत मनाया जाता है। 27 अक्तूबर को शाम सात बजकर 53 मिनट पर चंद्रमा का उदय होगा। उन्होंने कहा कि 27 अक्तूबर दिन शनिवार को शाम छह बजकर 38 मिनट पर तृतीया तिथि समाप्त होकर चतुर्थी तिथि का प्रारंभ होगा।