नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी के बाद अब देश में जीका वायरस के संक्रमण का भी खतरा पैदा हो गया है। दक्षिण भारतीय राज्य केरल में जीका वायरस (Zika Virus) का पहला मामला हाल ही रिपोर्ट किया गया है। मिली जानकारी के मुताबिक केरल के तिरुवनंतपुरम के पास प्रसाल्ला की रहने वाली एक 24 वर्षीय गर्भवती महिला में जीका वायरस से संक्रमण की पुष्टि हुई है। पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) को जांच के लिए भेजे गए 19 सैंपल्स में से 13 लोगों में जीका वायरस संक्रमण मिला है। गौरतलब है कि जीका वायरस से संक्रमित महिला की हालत स्थिर है और फिलहाल निजी अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है।
डॉक्टरों व हेल्थ विशेषज्ञों का मानना है कि जीका वायरस कोरोना वायरस के तरह ज्यादा जानलेवा नहीं है। जीका वायरस का पहला केस जिस महिला में मिला है, उसे बीते कुछ दिनों से बुखार, सिरदर्द और शरीर पर स्पॉट पड़ने की समस्या थी। महिला का इलाज करने वाले डॉक्टरों का कहना है कि सभी तरह की सावधानियां बरती जा रही हैं और जिन 19 लोगों के सैंपल नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी भेजे गए थे, उन सभी में इसी तरह के लक्षण देखे गए हैं।
जीका वायरस के लक्षण बहुत कुछ डेंगू और चिकनगुनिया जैसे हैं और मच्छरों के काटे जाने के 2 से 7 दिन के बाद मरीज जीका वायरस से संक्रमित होने की आशंका रहती है। जीका वायरस से ग्रसित मरीज में हल्का बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, मतली, उल्टी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। जीका वायरस से संक्रमित व्यक्ति यदि पर्याप्त आराम करता है तो इस पर काबू पाया जा सकता है। संक्रमित व्यक्ति को ज्यादा शारीरिक मेहनत नहीं करना चाहिए। गौरतलब है कि कोरोना वायरस के समान ही जीका वायरस के लिए भी फिलहाल वैक्सीन या दवा उपलब्ध नहीं है। ऐसे में मच्छरों से खुद की सुरक्षा करने ही सबसे बड़ा बचाव है. जीका वायरस गर्भवती महिलाओं को ज्यादा संक्रमित करता है। साथ ही यह भी खतरा रहता है कि जीका वायरस भ्रूण को प्रभावित करता है, जिससे पैदा होने वाले नवजातम में किसी तरह की विकृति पैदा होने की आशंका बढ़ जाती है।