नए इनकम टैक्स नियम,बजट 2017 में तय किए गए वे स्लैब और रेट
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आम बजट 2017 में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आयकर (Income Tax) देयकर्ता के लिए टैक्स स्लैब में परिवर्तन किए. चालू वित्तीय वर्ष ( 2016-17) के लिए जो इनकम टैक्स रिटर्न आप फाइल करेंगे, वे मौजूदा रेट्स और स्लैब के हिसाब से है| लेकिन, अगले आकलन वर्ष यानी 2018-19 के लिए टैक्सदाताओं को जेटली ने कुछ राहत दी है| जहां पहले ढाई लाख रुपए से लेकर पांच लाख रुपए तक की सालाना आय पर 10 फीसदी टैक्स लगता था, अब यह टैक्स 5 फीसदी लगेगा| वहीं, ढाई लाख तक आय पूरी तरह से टैक्स मुक्त है| मोदी सरकार के इस चौथे बजट में 50 लाख रुपए से लेकर 1 करोड़ रुपए तक की आय वालों पर 10 फीसदी का अतिरिक्त टैक्स लगाया गया है|
बजट – 2017-18 में ऐलान किए गए नियमों के मुताबिक इनकम टैक्स संबंधी वे नियम जो अप्रैल 2017 से लागू हैं| आकलन वर्ष रहेगा 2018-19
जनरल कैटेगरी के तहत आने वालों के लिए
60 साल तक आयु वाले किसी भी व्यक्ति की आय यदि सालाना 2.5 लाख रुपए से अधिक है तब वह टैक्स छूट के दायरे से बाहर माना जाएगा| यानी, केवल 2.5 लाख रुपए तक की आय ही करमुक्त है| इसके बाद 5 लाख रुपए तक की सालाना आय वाले व्यक्ति को 5 फीसदी टैक्स चुकाना होगा| साथ ही, 5 लाख रुपए तक की करयोग्य आय पर पहले 5 हजार रुपए का रिबेट मिलता था जोकि अब घटाकर 2500 रुपए कर दिया गया है और यह 3.5 लाख रुपए तक की करयोग्य आय पर मिलेगा| इसका मतलब हुआ कि यदि किसी शख्स की सालाना आय 3 लाख रुपए है तो उसकी टैक्स लायबिलिटी ज़ीरो होगी| इसे ऐसे समझें- (1 लाख रुपए पर 5% टैक्स का मतलब हुआ 5000 रुपए जिस पर मिली 2,500 रुपए की छूट तो कुल बचा 2,500 रुपए)|
इनकम टैक्स
2.5 लाख रुपए तक… शून्य
2.5 लाख 1 रुपए से 5 लाख रुपए तक… 5%
5 लाख 1 रुपए से 10 लाख रुपए तक…20%
10 लाख 1 रुपए से अधिक…. 30%
5 से 10 लाख रुपए की इनकम पर 20 फीसदी का इनकम टैक्स होगा और 10 लाख रुपए से अधिक की आय पर 30 लाख रुपए का इनकम टैक्स लागू होगा| लेकिन यदि आपकी आय 50 लाख रुपए से ज्यादा है (सालाना) लेकिन 1 करोड़ रुपए से कम है, तब आपको 10 फीसदी का सरचार्ज भी देना होगा| इसके अलावा 30 फीसदी टैक्स तो देना ही होगा| यदि करयोग्य आय 1 करोड़ रुपए है तब सरचार्ज बढ़कर 15 फीसदी हो जाएगा| यह बढ़ा हुआ 5 फीसदी सरचार्ज एजुकेशन सेस और हायर एजुकेशन सेस है|
सीनियर सिटीजन (60 से 80 आयुवर्ष के लोगों के लिए)
वरिष्ठ नागरिक जोकि 0 से 3 लाख रुपए सालाना आय के दायरे में आते हैं, उन पर कोई आयकर देनदारी नहीं बनती| हां, टैक्स रेट और सरचार्ज वही हैं, जोकि 5 से 10 लाख रुपए तक की आय और 10 लाख रुपए से अधिक की आय पर जनरल कैटेगरी के लिए लागू हैं|