नकदी का संकट, एशिया की सबसे बड़ी कपड़ा मार्केट बंद
जेएनएन, अंबाला शहर। पांच सौ और हजार रुपये चलन से बाहर होने के बाद उपजा नकदी का संकट कारोबार पर भारी पडऩे लगा है। आयकर और बिक्रीकर विभाग की कार्रवाई की अफवाह के चलते शाम होते-होते अंबाला शहर स्थित एशिया की सबसे बड़ी कपड़ा मार्केट भी बंद हो गई। हालात यह थे कि जहां पैर भी रखने की जगह नहीं होती थी वहां सन्नाटा छाया है।
रोजाना शहर की कपड़ा मार्केट में औसतन 12 से 15 करोड़ रुपये का कारोबार होता है, क्योंकि कपड़ा मार्केट के साथ करीब 400 अन्य दुकानें भी जुड़ी हुई हैं। इनमें जूता मार्केट, मनियारी मार्केट, होजरी मार्केट, गरम कपड़ों का कारोबार, कॉस्ेमेटिक, सूट मार्केट भी शामिल है। कपड़ा मार्केट की बात करें तो यहां करीब 1200 दुकानें हैं। इसके अतिरिक्त रेहड़ी-फड़ी वालों की संख्या भी सैकड़ों में है। अंबाला सहित पूरा प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, यूपी, राजस्थान, पंजाब तक के कारोबारी और छोटे व्यापारी अंबाला शहर की कपड़ा मार्केट में कारोबार के लिए पहुंचते हैं। वैवाहिक सीजन में तो यहां रोजाना औसतन 5- 6 करोड़ रुपये का कारोबार हो जाता है।
ट्रेड मुलाजिम कपड़ा मार्केट यूनियन, अंबाला शहर के चेयरमैन देवेंद्र वर्मा ने कहा कि दुकानों पर काम बिल्कुल नहीं रहा। ग्राहक 500 रुपये के नोट से कम लेकर आता नहीं है। चार हजार से अधिक के पुराने नोट बदलवाए नहीं जा सकते और एटीएम से दो हजार से अधिक की निकासी नहीं होती। इतना ही नहीं, खाते से भी 10 हजार से अधिक नहीं निकाल सकते। ऐसे में सारा कुछ भी मिला लें तो भी 10-15 हजार रुपये में क्या कारोबार होगा। कारोबार पहले से ही प्रभावित था ऊपर से दिनभर आयकर और सेल विभाग की रेड की खबरें मिल रही हैं। इसी कारण दुकानदारों ने बाजार ही बंद करना लाजिमी समझा।
होलसेल एंड मनियारी एसोसिएशन के प्रधान दीपक आनंद ने कहा कि करोड़ों का कारोबार कपड़ा मार्केट में होता है। कपड़ा मार्केट के साथ-साथ करीब चार सौ अन्य दुकानें भी जुड़ी हुई हैं। अब लोगों के पास पैसे ही नहीं हैं। इसीलिए कारोबार ठप हो गया है। आम लोगों के सामने नकदी की दिक्कतें आ रही हैं। ऐसे में दुकानदारों के पास काम नहीं रहा है। ऐसे में दुकानें ही बंद कर दी गई।