नक्सलियों से बचने के लिए स्कूली बच्चों ने उठाया ऐसा कदम, जानकर गर्व करेंगे आप
नई दिल्ली: झारखंड में आए दिन नक्सलियों के हमले की ख़बर आती रहती है। कई इलाके नक्सली गतिविधियों से बुरी तरह प्रभावित हैं। यहां पर मौजूद नक्सली आए दिन पुलिसकर्मियों और सुरक्षाबलों को निशाना बनातेे रहते हैं। इन का डर लोगों के अंदर इस कदर तक बढ़ गया है कि लोगों ने अपने बच्चों को स्कूल भेजना भी बंद कर दिया है। लेकिन कई ऐसे भी लोग हैं, जिन्होंने ठान लिया है कि वे नक्सलियों के दबाव के आगे नहीं झुकेंगे और अपने बच्चों को शिक्षा जरूर दिलाएंगे।
यह दिलेरी पूर्वी सिंहभूम जिले के छोटे से शहर चकुलिया के पास एक गांव पोचपानी के लोगों ने दिखाई है, जो नक्सल प्रभावित अन्य इलाकों के लोगों के लिए भी प्रेरणा हो सकती है। नक्सलियों की आपत्ति के बावजूद उन्होंने अपने बच्चों को स्कूल भेजने का फैसला किया है। ऐसे में नक्सलियों की ओर से लोगों को डराने-धमकाने या स्कूली छात्रों को प्रताड़ित किए जाने की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता। इसलिए एहतियात के तौर पर ये बच्चे अपने साथ परंपरागत शस्त्र लेकर चलते हैं।
स्कूल जाने के दौरान ये छात्र-छात्राएं तीर-धनुष से लैस होते हैं, ताकि अगर नक्सली उनकी राह में किसी तरह का रोड़ा अटकाएं तो वह उनका मुकाबला कर सकें। स्थानीय लोगों का कहना है कि स्कूल जाने के लिए बच्चों को जंगल से गुजरना पड़ता है, जहां बड़ी संख्या में नक्सली देखे गए हैं। ऐसे में लोगों ने बच्चों को तीर-धनुष से लैस करना जरूरी समझा।