स्वास्थ्य

नजर को दुरूस्त रखने अपनाएं ये तरीके

आज की तकनीकी दौर में आपको अधिक समय तक कम्प्यूटर और लेपटाप पर काम करना पड़ता है। यहीं नही सुबह से शाम तक स्मार्टफोन लोगों की जिंदगी का अहम हिस्सा भी बन चुका है। आंखें हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण और सबसे नाजुक अंग है, जिसके बिना जिंदगी अधूरी है। हमारी रोजमर्रा की छोटी-छोटी गलतियों से हमारी आंखें खराब हो सकती हैं। आंखों को सही रखने के लिए हमें इन गलतियों को करने से बचना चाहिए।

आंखों की सफाई न करना: समय-समय पर आंखों की सफाई ना करने पर संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है और रोशनी भी कम होने का खतरा रहता है। इसलिए दिन में कम से दो से तीन बार साफ पानी से आंखों नियमित अंतराल पर धोते रहें।

दोपहिया वाहनों को चलाने के दौरान सनग्लास लगाना जरूरी : प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर हमारी आंखों पर तब होता है जब हम बाइक ड्राइव करते हैं और इसके असर से आंखों की रोशनी कम होती है। यदि आपको कंप्यूटर पर काम करना पड़ता है तो समय समय पर आंखों को आराम देना जरूरी होता है। आंखों को हर 20 मिनट में आंखों को दो मिनट का आराम दें और क्रीन से करीब 2 फीट की दूरी बनाकर बैंठें। इस बात का खास ध्यान रखें की कंप्यूटर से दूर होने के बाद मोबाइल का भी इस्तेमाल ना करें। 

यदि आपको पहले से पावर का चश्मा लगा हुआ है और आप इसे नियमित रूप से नहीं लगाते हैं तो इसका असर आपकी आंखों की रोशनी पर पड़ेगा। अगर आंखों में कुछ चला जाए तो लगभग सबकी आदत होती है हाथों से आंखों को मसलना शुरू कर देते हैं। इससे आंखों में जीवाणु पहुंच जाते हैं और इन्फेक्शन व एलर्जी का खतरा बढ़ जाता है। अगर आपको भी कॉन्टैक्ट लगाकर सोने की आदत है तो इसे तुरंत बदल दीजिए। क्योंकि इससे आंखों को ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है और आंखों में धुंधलापन आने लगता है। अगर आपकी आंखों में समस्या है और समय-समय पर चेकअप नहीं करवाते हैं तो इससे समस्या और बढ़ सकती है।

इसलिए एक बार आपको चश्मा लग जाए तो आंखों को समय-समय पर चेकअप कराते रहें। सबकी आंखों का पावर अलग-अलग होता है और उसके हिसाब से उनका चश्मा बनता है। इसलिए दूसरों का चश्मा उपयोग नहीं करना चाहिए। दूसरे का चश्मा या सनग्लास लगाने से आंखों में संक्रमण का भी खतरा बना रहता है।

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