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नपुंसक बनने की अफवाह से मदरसों ने बच्चों को नहीं लगवाया टीका

मेरठ : उत्तर प्रदेश के कई मदरसों ने कहा है कि वे अपने छात्रों को मीजल्स-रूबेला टीका नहीं लगवाएंगें। उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग ने उनसे मदरसों में छात्रों को टीका लगाने की अनुमति मांगी थी लेकिन उन्होंने अनुमति देने से इनकार कर दिया। मेरठ में 272 मदरसे हैं। इन मदरसों में से 70 ने स्वास्थ्य विभाग को अपने मदरसों में प्रवेश देने से इनकार कर दिया है। मेरठ के जिला टीकाकरण अधिकारी विश्वास चौधरी ने बताया कि इलाके में वॉट्सऐप मेसेज के जरिए अफवाह फैल गई थी। इस मेसेज में लिखा था कि मीजल्स (खसरा) रूबेला का टीकाकरण करवाने से लड़के नपुसंक हो जाएंगे। मेसेज में लिखा था कि मुस्लिमों को नपुसंक बनाने के लिए सरकार उनके बच्चों को टीका लगवा रही है। इसके अलावा देश के अलग-अलग इलाकों से खबरें आईं कि टीकाकरण के बाद कई छात्र बीमार पड़ गए। लोगों में इस बात को लेकर भी डर बैठ गया। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जो छात्र टीकाकरण के बाद बीमार पड़े उसके पीछे कारण उन्हें टीका लगना नहीं बल्कि कुछ और था। बड़ी बात यह है कि कुछ मदरसों में तो छात्रों से कहा गया कि वे टीकाकरण वाले दिन अपने घर में ही रहें। सहारनपुर के चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ. बीएस सोढ़ी ने कहा, हम लोग लोगों में अफवाह पर ध्यान न देने के लिए और टीकाकरण संबंधित जो भी उनकी गलतफहमियां हैं उन्हें दूर करने के लिए जागरूकता अभियान चला रहे हैं। बिजनौर और मुरादाबाद के मदरसों ने भी टीकाकरण करवाने से इनकार किया है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मीजल्स एक संक्रामक रोग है। यह खांसने और छींकने से भी फैलता है। सरकारी आंकड़ों की मानें तो 2015 में मीजल्स की बीमारी से 49,000 बच्चों की जानें गईं। डब्ल्यूएचओ की मानें तो रूबेला भी एक संक्रामक और वायरल इंफेक्शन है जो अधिकांश बच्चों और युवाओं को अपनी चपेट में लेता है। यहां तक की रूबेला से पैदायशी दोषों को भी रोकता है।

रूबेला इंफेक्शन से गर्भवती महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत हो सकती है यहां तक कि उसमें जन्मजात दोष तक हो जाते हैं। मदरसों में फैली अफवाह से लड़ने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने मौलानाओं से मदद लेने का फैसला लिया है। मेरठ के शहर काजी जैनुस राशुद्दीन ने सभी मदरसों से कहा है कि वे अपने परिसर में स्वास्थ्य विभाग की टीम को आने दे और उनकी टीकाकरण में मदद करें। उन्होंने कहा, टीकाकरण के कोई दुष्प्रभाव नहीं होते हैं। इसकी जांच अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और जामिया मिलिया इस्लामिया के डॉक्टरों ने भी की है। उन्हें इसमें कोई समस्या नहीं मिली है। उधर, बिजनौर में भी मदरसों के टीकाकरण के इनकार के बाद सीएमओ डॉ. राकेश मित्तल ने जिला प्रशासन से शिकायत की। जिला प्रशासन ने सीएमओ की अध्यक्षता में एक बैठक बुलाई। इस बैठक में मुस्लिम धार्मिक संगठनों के मुखियाओं के साथ बातचीत की गई और उन्होंने भी स्वास्थ्य विभाग की मदद करने का आश्वासन दिया।

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