नई दिल्ली: गंगा को अविरल और निर्मल बनाने की नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी ‘नमामि गंगे’ परियोजना नई ढांचागत और वित्तीय व्यवस्था के तहत शुरू की गई है। तीन चरणों में पूरा की जाने वाली इस परियोजना का सम्पूर्ण खर्च अब केंद्र सरकार वहन करेगी।
जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। इस परियोजना की शुरूआत अनूप शहर से हो गई है।
पहले केंद्र और राज्य के बीच खर्च का बंटवारा 75:25 के अनुपात में होने की बात कही गई थी। लेकिन, बाद में इसमें बदलाव किया गया और अब शत प्रतिशत खर्च केंद्र वहन करेगा। उन्होंने बताया कि इस परियोजना को तीन चरणों में पूरा किया जायेगा। पहले चरण को एक वर्ष में पूरा करने का लक्ष्य है जिसमें गंगा नदी की अविरलता पर विशेष ध्यान दिया जायेगा।
केंद्र में भाजपा नीत राजग शासन के 18 महीने गुजरने के बाद भी सरकार की इस महत्वपूर्ण परियोजना के उत्साहजनक परिणाम सामने नहीं आए हैं। वित्त पोषण के स्वरूप में बदलाव आने से भी परियोजना को आगे बढ़ाने के कार्य में देरी हुई है। ऐसे में अब इसे तेजी से आगे बढ़ाने की पहल की जा रही है।
गंगा नदी के किनारे स्थित करीब 118 शहरों से प्रतिदिन निकलने वाले 363.6 करोड़ लीटर अवशिष्ट और 764 उद्योगों के हानिकारक प्रदूषकों के कारण नदी की धारा को निर्मल बनाना बहुत बड़ी चुनौती है।