स्वास्थ्य

नया जीन मधुमेह प्रकार-2 के लिए जोखिम भरा

diabticeन्यूयॉर्क (एजेंसी)। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के ताजा अध्ययन के मुताबिक  2०3० तक भारत में मधुमेह के रोगियों की संख्या 1 ००० लाख तक पहुंचने की संभावना है। भारत में मधुमेह प्रकार-2 के रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। मेक्सिको और अमेरिका के शोधकर्ताओं ने एक नए आनुवंशिक सूत्र का खुलासा किया है जो मधुमेह प्रकार-2 को विकसित करने का जोखिम बढ़ाता है। दल ने मधुमेह प्रकार-2 मधुमेह के लिए खतरनाक जीन पाया है। अध्ययन में बताया गया कि जिन लोगों में जीन का यह संस्करण है  उन्हें अपेक्षाकृत मधुमेह होने का खतरा 25 प्रतिशत ज्यादा है और जिन्हें यह जीन अपने माता-पतिा से विरासत में मिला है उन्हें मधुमेह होने की संभावना 5० प्रतिशत ज्यादा है। लेखक और हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में औषधि के सहायक प्रोफेसर जोस फ्लोरेज ने बताया  ‘‘आनुवंशिक अध्ययन में हमने बड़े पैमाने पर यूरोपियाई या एशियाई पूर्वजों के नमूनों का प्रयोग किया।’’ उन्होंने बताया  ‘‘मेक्सिको और लैटिन अमेरिका समेत नमूनों की खोज के विस्तार से हमने अब तक मजबूत आनुवंशिक जोखिम कारकों में से एक कारक की खोज की है जो दवाओं और बीमारी की गहरी समझ पर रोशनी डाल सकता है।’’ इस उच्च जोखिम वाले जीन का नाम एसएलसी है। यह लैटिन अमेकियों सहित मूल अमेरिकी वंश के आधे लोगों में पाया गया। यह संस्करण पूर्वी एशियाइयों में लगभग 2० प्रतिशत पाया गया और यूरोप और अफ्रीका की जनसंख्या में यह दुर्लभ है। बायोमेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट  नेशनी यूनिविर्सिटी ऑफ मेक्सिको में प्रधान अन्वेषक टेरेसा तुसी-लुना ने बताया  ‘‘अब हम इस जानकारी का प्रयोग नए अध्ययन के लिए कर रहे हैं।’’ वरिष्ठ सह लेखक डेविड अल्टश्लर ने कहा  ‘‘अब हम यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि यह मेटामोलिज्ब ट्राअग्लिसराइड को कैसे प्रभावित करती है और मधुमेह प्रकार-2 के विकास के क्या चरण हैं।’’

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