ज्योतिष डेस्क : कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी (छोटी दीपावली) को नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है। नरक चतुर्दशी को हनुमान, यमराज और लक्ष्मी जी की पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि बजरंग बली का जन्म भी इसी दिन हुआ था। पोराणिक मान्यताआें के अनुसार इस दिन अर्धरात्रि में हनुमान जी का जन्म अंजनी माता के गर्भ से हुआ था। यही कारण है कि हर तरह के सुख, आनंद और शांति की प्राप्ति के लिए नरक चतुशी को बजरंग बली हनुमान की उपासना लाभकारी होती है। इस दिन शरीर पर तिल के तेल की उबटन लगाकर स्नान करना चाहिए। इसके बाद हनुमान की विधि विधान से पूजा-अर्चना करते हुए उन्हें सिंदूर चढ़ाना चाहिए। नरक चतुर्दशी के दिन यमराज की भी पूजा की जाती है। यमराज के निमित्त एक दीपक दक्षिण दिशा की ओर मुख कर जलाया जाता है, जिससे यमराज खुश रहें। अकाल मृत्यु न हो और नरक के बजाय विष्णुलोक में स्थान मिले। इस दिन शाम को चार बत्ती वाला मिट्टी का दीपक पूर्व दिशा में अपना मुख करके घर के मुख्य द्वार पर रखें और ‘दत्तो दीप: चतुर्दश्यो नरक प्रीतये मया। चतुर्वर्ति समायुक्त: सर्व पापा न्विमुक्तये।।’ मंत्र का जाप करें और नए पीले रंग के वस्त्र पहन कर यम का पूजन करें। एक प्रचलित कथा के अनुसार एक राजा को जब यमदूत नरक ले जाने के लिए लेने आया तो, राजा ने नरक में जाने का कारण पूछा। यमदूत ने बताया कि उसने एक ब्राह्मण को द्वार से भूखा लौटा दिया था।
राजा यमदूत से एक वर्ष का समय मांगता और यमदूत उसे समय दे देते हैं। इसके बाद राजा ऋषियों के पास पहुंचता है और पूरा वृतांत बताता है। ऋषियों के कहने पर राजा कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को व्रत करता है और ब्राह्मणों को भोज कराता है। इसके बाद राजा को नरक के बजाय विष्णुलोक में स्थान मिलता है। तब से ही इस दिन यमराज की विशेष पूजा की जाती है। इस दिन घर की सफाई अवश्य करें आैर हर प्रकार का टूटा-फूटा सामान फेंक दें। दीवाली के समय घर सजाने के लिए जो भी सामग्री आर्इ हो उससे संबंधित सामान जैसे खाली पेंट के डिब्बे, रद्दी, टूटे-फूटे कांच या धातु के बर्तन, किसी प्रकार का टूटा हुआ सजावटी सामान, बेकार पड़ा फर्नीचर व अन्य प्रयोग में न आने वाली वस्तुओं को यमराज का नरक माना जाता है इसलिए ऐसी बेकार वस्तुओं को घर से हटा देना चाहिए। उसके साथ ही ध्यान रखें कि यदि सफाई के बाद कूड़ा घर के सामने ही बाहर फेंक दिया गया तो इससे राहु का सामना करना पड़ता है इसलिए कूड़े को नियत स्थान पर ही डालें। यदि घर के बाहर गंदगी फैली है तो स्वच्छ करा दे अन्यथा लक्ष्मी के आगमन में बाधा होगी। यदि घर में जूते चप्पल बाहर अस्त-व्यस्त पड़े रहते हैं तो उसे तुरंत नियत स्थान पर रख दें अन्यथा पारिवारिक सदस्यों की तरक्की रुकने का भय रहता है। यदि घर के बाहर सड़क को साफ कर दिया जाए तो दंडाधिकारी शनि प्रसन्न होते हैं।