नरवानर का दुर्लभ जीवाश्म मानव नहीं, लीमर के अधिक करीब
दस्तक टाइम्स/एजेंसी
टोरंटो । दांतों की उत्पत्ति के आधार पर एक मॉडल में एक चौंकानेवाले खुलासे के तहत यह बात सामने आई है कि आदिम प्राइमेट (नरवानर) का एक दुर्लभ जीवाश्म बंदरों व मानवों नहीं, बल्कि लीमर के अधिक करीब है।
यह मॉडल यह भी दर्शाता है कि मौत के समय डार्विनियस (ज्ञात प्राइमेट का संरक्षित जीवाश्म) की उम्र बहुत अधिक नहीं थी और उसका वजन एक वयस्क के वजन से थोड़ा ही कम था। मॉडल का विकास युनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो के सेरजेई लोपेज-टोर्रेस तथा एसोसिएट प्रोफेसर मैरी सिलकॉक्स व माइकल शिलाशी ने किया और डार्विनियस की व्याख्या की फिर से जांच की। प्राइमेट में दांत आने के अनुक्रम (पैटर्न) को देखकर उन्होंने पाया कि यह बंदर नहीं, बल्कि लीमर के अधिक करीब है। लोपेज-टोर्रेस ने कहा, प्रत्येक प्रजाति में दांत आने का एक खास तरीका होता है, जिसके आधार पर हमें जीवाश्म की उम्र का पता लगाने में मदद मिलती है। डार्विनियस में जिस तरीके से दांत की उत्पत्ति हुई है, वह बंदर की अपेक्षा लीमर से अधिक मेल खाता है। डार्विनियस की खोज करने वाले दल का तर्क था कि 4.7 करोड़ साल पुराना जीवाश्म हैप्लोराइन्स (बंदर, लंगूर व मानव) तथा टारसियर्स के अधिक निकट है। यह अध्यय पत्रिका ‘रॉयल सोसायटी ओपन साइंस’ में प्रकाशित हुआ है।