नवजोत सिंह सिद्धू ने बताई पाकिस्तान की ऐसी सच्चाई, जिसे जानने के बाद सबके मुँह हो जायेंगे बंद
अगर हम राजनीती की बात करे तो ये तो सब जानते ही है कि हाल ही में पूर्व क्रिकेटर और कांग्रेस के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू पाकिस्तान के दौरे पर गए थे या यूँ कहे अपने दोस्त का हौंसला बढ़ाने के लिए और उसकी खुशियों में शामिल होने के लिए पाकिस्तान गए थे. हालांकि इस दौरान सबसे बुरी बात यह हुई कि जब सिद्धू साहब पाकिस्तान गए तभी अटल जी का निधन हो गया. शायद यही वजह है कि सिद्धू साहब को लगातार भारतीय लोगो की आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. बरहलाल पाकिस्तान से वापिस आने के बाद सिद्धू साहब भी चुप नहीं रहे.
जी हां उन्होंने पाकिस्तान के बारे में कुछ ऐसी बातें बताई है, जिसके बारे में जान कर आप भी हैरान रह जायेंगे. दरअसल नवजोत सिंह सिद्धू को बकायदा इमरान खान द्वारा न्यौता दिया गया था और इसी वजह से वह इमरान खान की ताजपोशी में भी शामिल हुए थे. वैसे आपको बता दे कि सिद्धू जी और इमरान खान बेहद अच्छे दोस्त है और ये दोनों एक साथ क्रिकेट का स्वाद भी चख चुके है. गौरतलब है कि जब से सिद्धू साहब पाकिस्तान जाकर आये है, तब से भारत में उन्हें लेकर एक अजीब सी जंग छिड़ चुकी है. जिसमे अब सिद्धू साहब बुरी तरह से फंस चुके है. जी हां केवल इतना ही नहीं इसके इलावा भारत के कुछ लोग तो उन्हें देश द्रोही भी कह रहे है.
अब जाहिर सी बात है कि जो शख्स अटल जी को श्रद्धांजलि दिए बिना मुँह उठा कर पाकिस्तान की तरफ चला जाएँ, उस इंसान की भारतीय लोग तारीफ तो बिलकुल नहीं करेंगे. हालांकि सिद्धू साहब ने खुद भी यह नहीं सोचा होगा कि उन्हें पाकिस्तान जाना और उनके सेना प्रमुख को गले लगाना इतना महंगा और भारी पड़ सकता है. बरहलाल सिद्धू साहब जब पाकिस्तान से वापिस लौटे तो उन्होंने भारत आने के बाद फ़ौरन ही बीजेपी को काफी करारा जवाब दिया. जी हां दरअसल बीजेपी के कुछ लोग लगातार सिद्धू साहब पर इल्जाम लगा रहे थे और इन्ही सब बातों के कारण देश की जनता भी काफी भड़क चुकी थी.
ऐसे में भला सिद्धू साहब कैसे चुप रह सकते थे. बरहलाल उन्होंने भी अपना बचाव करने के लिए ब्यान देने की ठान ही ली. बता दे कि सिद्धू साहब ने बीजेपी को जवाब देते हुए कहा कि अगर आपको किसी जगह पर सम्मानपूर्वक अतिथि के रूप में बुलाया जाएँ और आप वहां जाकर अतिथि के रूप में बैठ जाएँ तो इसमें कुछ गलत नहीं है. इसके साथ ही सिद्धू साहब ने यह भी कहा कि पहले वह कही और बैठे थे. मगर बाद में उन्हें कही और बैठने के लिए कहा गया था. जहाँ पीओके के चीफ बैठे थे, उन्हें वहां बैठाया गया. इसके इलावा सेना प्रमुख बाजवा के गले मिलने पर उन्होंने कहा कि बाजवा उनके पास आएं और उनसे कहा कि हम दोनों एक संस्कृति से जुड़े हुए लोग है.
इसके बाद उन्होंने बताया कि बाजवा ने उनसे यह भी कहा कि हम लोग करतारपुर सीमा पर स्थित श्री गुरु नानक देव गुरूद्वारे को पांच सौ पचासवे प्रकाश अवसर पर खोलेंगे. अब भला इसमें वह क्या कर सकते थे. इसलिए उन्हें बाजवा की प्रशंसा करते हुए उन से गले मिलना ही पड़ा. बता दे कि सिद्धू साहब के बाजवा से गले मिलने पर उन शहीद जवानो के परिवार वालो ने ऐतराज जताया है, जिन्हे पाकिस्तान के ही आंतकवादियो ने मारा था. बरहलाल फ़िलहाल तो सिद्धू साहब के खिलाफ हाल ही में बिहार के मुज्जफरपुर की अदालत में मामला दर्ज हो चुका है. जिसके बाद उन्हें लेकर सोशल मीडिया पर लोग अलग अलग प्रतिक्रियाएं दे रहे है.