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नवरात्रों के छठे दिन ऐसे करें मां कात्यायनी की पूजा….

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NEW DELHI: नवरात्रे के छठे दिन दुर्गा माँ के छठे स्वरूप माँ कात्यायनी की पूजा-अराधना की जाती हैं। माँ कात्यायनी का एक हाथ अपने भक्तों को आशीर्वाद देने की मुद्रा में रहता हैं तथा दूसरा हाथ अभय दान करने की मुद्रा में रहता हैं।

इनके तीसरे हाथ में कमल का पुष्प तथा चौथे हाथ में तलवार रहती हैं। इनकी महिमा बहुत ही निराली हैं ये हमेशा सिंह पर सवार रहती हैं। ये अपने भक्तों के शत्रुओं का नाश करती हैं, इसी के साथ ही उनके द्वारा की गई सभी प्रार्थनाओं को स्वीकार करती हैं।
नवरात्रे के छठे दिन माँ कात्यायनी की पूजा करने से भक्तों को शुभ फल की प्राप्ति होती हैं साथ ही माता उनके जीवन के सभी कष्टों का निवारण करती हैं। माँ की पूर्ण आस्था से पूजा करने पर भक्त सभी प्रकार के रोगों से, शोक से, संताप से तथा भय आदि से मुक्त हो जाता हैं।
1.    माँ कात्यायनी की पूजा शुरू करने के लिए माता की मूर्ति को स्थापित कर लें और सभी पूजन सामग्री एकत्रित कर माँ की पूजा आरम्भ करें।
2.    अब माँ के सभी परिवार के सदस्यों को आमंत्रित करें और उनकी भी माँ कात्यायनी के साथ पूजा करें। 
3.    अब एक कलश में पानी भरें और उसे माँ के समक्ष रख दें।
4.    अब माँ के मस्तक पर सिंदूर या कुमकुम से तिलक लगायें तथा हाथ में फूल लेकर माँ की अर्चना करें।
5.    माँ के समक्ष शुद्ध घी का दीपक जलाएं तथा धूप – अगरबत्ती जलाएं और इत्र चढ़ाएं।
6.    इसके बाद माँ के समक्ष फल, पंचमेवे का प्रसाद चढ़ाएं और निम्नलिखित मन्त्र का जाप करें।
7.    मन्त्र का जाप करने के बाद नवरात्रे के छठे दिन का पाठ पढ़ें।
8.    पाठ समाप्त करने के पश्चात् माँ की आरती करें और भोग लगाकर अपने परिवार के सभी सदस्यों में माँ को चढ़ाया गया प्रसाद वितरित करें।
 

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