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नवाबों के शहर में कर्मचारी लगा रहे हैं 17 हजार की क्रीम
केस एक : जवाहर भवन में कल्याण निगम के मुख्य सेल्स डिपो से 5 सितंबर को राज्य कर्मचारी कार्ड नंबर 042186 से 432 पीस फेयर एंड लवली ली गई। वैट मुक्त दर से एक पीस क्रीम 40.25 रुपये की पड़ी। लाला नाम के इस शख्स ने 17,388 रुपये चुकाए।
दूसरी इनवॉइस के अनुसार, रिन एएलए 500 एमएल और फिर विम बार के 350 पीस खरीदने पर 16440 रुपये चुकाए गए। इसी तारीख को इसी शख्स के नाम पर काटी गई तीसरी इनवॉइस बताती है कि उसने फिर रिन बार के 80 ग्राम के 2880 बार खरीदा और 12,384 रुपये चुकाए। यानी मेहुल का एक महीने का बर्तन और कपड़े धोने का खर्च 40,984 रुपये है।
नवाबों के शहर के ढेरों किस्से आपने सुने होंगे। इस शहर के कर्मचारी भी नवाबी ठाट से रहते हैं। एक कर्मचारी का बिल देखिए तो 17 हजार से ज्यादा का महीने में फेयर एंड लवली खरीद डालता है तो दूसरे के घर में कपड़ा और बर्तन धुलने में 40,984 रुपये का डिटर्जेंट खर्च हो जाता है। यकीनन आप चौंकेंगे।
पर राज्य कर्मचारियों को सस्ती दर पर सामान मुहैया कराने वाले कर्मचारी कल्याण निगम और फैमिली बाजारों के कर्मचारी ऐसी खरीदारी पर चौंकते नहीं। जाहिर है कि ये सामान खरीदकर या तो बाजार में खपाए जा रहे हैं और वैट को चूना लगाया जा रहा है या फिर निगम के कर्मचारी फर्जी इनवॉइस तैयार कर माल बाजार में पहुंचा रहे हैं।