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नहीं टूटा रोहित शर्मा का यह रिकॉर्ड
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार वनडे और टी-20 क्रिकेट खेलने के बाद भी कई क्रिकेटर्स टेस्ट में खेलने का चांस हासिल नहीं कर पाते हैं। टेस्ट के लिए सबसे लंबा इंतजार करने वालों में टीम इंडिया के बल्लेबाज रोहित शर्मा और सुरेश रैना के नाम शीर्ष पर हैं। अब टेस्ट खेलने के लिए सबसे लंबा इंतजार खत्म करने वालों की लिस्ट में एक नया नाम जुड़ गया है और वह है जिम्बाब्वे के चामू चिभाभा का। हालांकि यह अनचाहा रिकॉर्ड अभी भी रोहित के ही नाम दर्ज है।
जानते हैं क्रिकेट वर्ल्ड के उन 5 बड़े क्रिकेटर्स को जो अपने खेल के महान खिलाड़ी तो रहे लेकिन टेस्ट में उतरने के लिए सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने के साथ-साथ कई सालों तक इंतजार करना पड़ा।
टेस्ट के लिए लंबा इंतजार करने वालों में शीर्ष 5 में पांचवें पायदान पर हैं ऑस्ट्रेलिया के विकेटकीपर-बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट। गिलक्रिस्ट ने पहला टेस्ट खेलने के लिए 76 वनडे मैच खेल डाले थे। बाद में वह बेहद कामयाब क्रिकेटर बने।
चौथे नंबर पर हैं ऑस्ट्रेलिया के ही एंड्रयू सायमंड्स। ऑलराउंडर सायमंड्स को टेस्ट में पदार्पण करने से पहले 94 वनडे मैच खेलने पड़े।
तीसरे पायदान पर आते हैं टीम इंडिया के सुरेश रैना। रैना 98 वनडे और 18 टी-20 मैच खेलने के बाद टेस्ट में उतरने का मौका हासिल कर सके। यानी यह कि रैना ने 116 अंतरराष्ट्रीय मैचों में अपनी प्रतिभा साबित करने के बाद टेस्ट में उतरने का मौका मिला, लेकिन वह पांच दिन के इस खेल में अपनी जगह फिक्स नहीं कर सके।
चौथे पायदान पर जिम्बाब्वे के चामू चिभाभा है जो इस लिस्ट में जुड़ने वाला नया नाम है। चिभाभा ने 28 जुलाई को बुलावायो में न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट मैच में उतरकर अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की। उन्हें टेस्ट में खेलने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा। वह 126 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने के बाद टेस्ट में करियर शुरू कर सके। पहला टेस्ट खेलने से पहले उन्होंने 96 वनडे और 30 टी-20 मैच खेल डाले।
अब बात करते हैं उस क्रिकेटर की जिसने पहला टेस्ट खेलने के लिए सबसे लंबा इंतजार किया। पहले पायदान पर हैं टीम इंडिया के बल्लेबाज रोहित शर्मा। रोहित ने कुल 144 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने के बाद टेस्ट में पदार्पण किया था। उन्होंने अपना पहला टेस्ट 2013-14 में कोलकाता में वेस्टइंडीज के खिलाफ शुरू किया था।
रोहित शर्मा ने जिस टेस्ट सीरीज से अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की थी वो सचिन तेंदुलकर के करियर की अंतिम सीरीज थी। उन्होंने लंबे इंतजार को खत्म करने के बाद अपने पहले ही टेस्ट में बेजोड़ पारी खेली और मैच की चौथी पारी में 177 रन बना दिए। इसके बाद तेंदुलकर के अंतिम टेस्ट मैच में भी उन्होंने शानदार शतक (नाबाद 111) लगाया। हालांकि इसके बाद वह एक भी शतक नहीं लगा सके। वह इस समय टीम इंडिया के साथ कैरेबियाई दौरे हैं।