अद्धयात्म

नहीं पूरी होती आपकी मनोकामनाएं, तो पूजा मे करें इन नियमो का पालन

कई व्यक्ति कुछ प्रयोग को अंधविश्वास मानते हैं, लेकिन यह प्रकृति से जुड़े होते हैं. लेकिन यह अंधविश्वास नहीं हकीकत में सही होते है. हम भगवान की पूजा करते हैं, लेकिन हमें उस पूजा का फल प्राप्त नहीं होता है, इसका कारण क्या है?

उस समय मन मे कई तरह की बाते आती है, की कही हमने पूजा करने के दोरान कोई गलती तो नहीं कर दी थी. उस समय हमारी पूजा पर अनेक सवाल उठते हैं. आज हम आपको इन सवालों के जवाब देंगे.

ईश्वर मी आराधना करने के लिए मन की शांति तथा एकाग्रता का होना जरूरी होती है, आइए जानते है, पूजा कैसे करनी चाहिए?

सबसे पहला कारण :-

किसी भी व्यक्ति के पूजा करने का एक निश्चित समय होना चाहिए, जब आपको समय मिले उस हिसाब से एक निश्चित समय निकालना चाहिए. पूजा करने के लिए सुबह सूरज निकलने के लगभग 30-40 मिनट पहले या बाद में करना चाहिए.

यदि आप दोपहर 11:00 बजे से बाद में तथा 1:00 बजे से पूर्व पूजा करते हैं, तो उस पूजा का फल आपको निश्चित ही मिलता है, क्योंकि यह समय तुरिया बेला वाला होता हैं. तोरिया बेला में यदि आप पूजा करते है, तो भगवान की शक्ति आपकी तरफ आकर्षित होती है.

Related Articles

Back to top button