नहीं मिलता था सही भोजन, कैदियों से मांगी जाती थे रिश्वत
एजेन्सी/वाराणसी की जिला जेल में हुए हंगामे असल वजह जो सामने आ रही है वो चौंकाने वाली है। जेल पेशी के लिए अदालत भेजे जा रहे कैदी अजय यादव से बंदी राइटर ने पैसे माँगा। जब उसने पैसे देने से इंकार कर दिया तो उसकी पिटाई की गई। जिसके बाद ये हंगामा शुरू हो गया।हंगामे के बाद जब जिलाधिकारी राजमनि यादव ने मीडिया को अंदर बुलाया तो उसके बाद कैदियों ने भी अपनी बात रखी। कैदियों ने मांग रखी कि जेल अधीक्षक और डिप्टी जेलर को निलंबित किया जाय हालांकि अभी उनका ट्रांसफर किया गया है।उन्होंने मांग की कि जेल का चार्ज गजटेड अधिकारी को मिले जिसके बाद जेल का चार्ज एसीएम को दे दिया गया। कैदियों का कहना था कि आज हुए बवाल के संबंध में किसी भी कैदी पर मुकदमा न दर्ज किया जाए और न ही किसी अन्य जेल में उनका ट्रांसफर हो जिसे डीएम ने मान लिया। उन्होंने कहा कि दियों के मुलाकातियों की तलाशी सिर्फ बंदी रक्षक करेंगे, बंदी राइटर न करे जिसे भी मान लिया गया।कैदियों की एक मांग यह भी थी कि मुन्ना सिंह सहित हाल में मरे सभी बंदियों की मौत की न्यायिक जांच हो जिसे भी प्रशासन ने मान लिया है। कैदियों ने भोजन की व्यवस्था को सुधारने की बात कही जिसे प्रशासन ने आज से ही लागू कर दिया। कैदियों की मांग थी कि सपा महानगर अध्यक्ष राजकुमार जायसवाल बैरक नंबर 12-13 के सामने पहुंचे उनके आने के बाद भी कैदियों को समझाया लेकिन वो नहीं माने और बवाल जारी रहा।खबर लिखे जाने तक पीएसी और भारी संख्या में फोर्स बैरक नंबर 12-13 की तरफ भेजी गई है और मीडिया को भेजा गया बाहर। वाराणसी जिला जेल में 14 बैरक है और वर्तमान में 1860 बंदी है। 1 से 13 तक के बैरक में कैदी रखे गए हैं और 14वें में बंदी राइटर रहते हैं। मौके पर डीआईजी जेल भी पहुंच गए हैं।खबर लिखे जाने तक पीएसी और भारी संख्या में फोर्स बैरक नंबर 12-13 की तरफ भेजी गई है और मीडिया को भेजा गया बाहर। वाराणसी जिला जेल में 14 बैरक है और वर्तमान में 1860 बंदी है। 1 से 13 तक के बैरक में कैदी रखे गए हैं और 14वें में बंदी राइटर रहते हैं। मौके पर डीआईजी जेल भी पहुंच गए हैं।