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नागपंचमी पर काटे जाते हैं पूर्व जन्म के बंध

01शाहजहांपुर। विज्ञान के इस युग में भले ही कोई यकीन न करे, लेकिन सैकड़ों लोगों की नागपंचमी पर लगने वाली भीड़ पूर्व जन्म की कहानी सुनाती है। इस मंदिर पर नागपंचमी वाले दिन ऐसे लोगों की भीड़ होती है, जिन्हे पिछले जन्म में सर्प ने काटा था और सर्प दंश के बाद उनके बंध लगाए गए थे। पिछले जन्म के यह बंध उस व्यक्ति के गले में गांठों के रूप में निकल आते और मवाद रिसने लगता है। जिसका कोई इलाज नहीं हो पाता। सिर्फ नागपंचमी वाले दिन मंत्रों से ही इन बंधों का उपचार होता है। शहर में पुवायां रोड पर विधायक राजेश यादव के पेट्रोल पंप से थोड़ा पहले जय हनुमान मंदिर है। इस मंदिर के पुजारी मोहल्ले के ही नरेश चावला हैं। आम दिनों में तो यह मंदिर सूना ही रहता है, लेकिन नागपंचमी वाले दिन ऐसी भीड़ लगती है कि मंदिर के सामने सड़क तक लोग ही लोग नजर आते हैं। मोहल्ले की ही संतोष कुमारी मंदिर पर आई थीं। संतोष कुमारी ने बताया कि उनके भी गले में गांठे निकल आईं थीं। गांठें रिसने लगी थीं। इसका बहुतेरा इलाज कराया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। तब जानकारों ने संतोष कुमारी को बताया कि पिछले जन्म में उसे सर्प ने काटा होगा। जिसके बंध लगाए गए होंगे। बाद में यह बंध मंत्रों से ही काटे जाते हैं, लेकिन तब बंध नहीं कटवाए गए होंगे। इसलिए गले में गांठों के रूप में निकले हैं। संतोष कुमारी ने पिछले साल नागपंचमी पर इसी मंदिर पर बंध कटवाए और अब वह बिल्कुल ठीक हैं। गले पर अभी भी उन गांठों के निशान हैं।

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