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नागपंचमी पर वासुकी की पूजा करने पर प्रसन्न होते हैं महादेव

ज्योतिष : श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है नाग पंचमी का पर्व। इस दिन नागों की पूजा प्रधान रूप से की जाती है। भगवान शिव के गले में जो नाग रहता है उसका नाम वासुकि है। नागपंचमी पर वासुकि नाग, तक्षक नाग और शेषनाग की पूजा का विधान है। इस बार नागपंचमी श्रावण मास की 25 जुलाई शनिवार को मनाई जाएगी। उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के बाद हस्त नक्षत्र रहेगा। इस दौरान मंगल वश्‍चिक लग्न में होंगे खास संयोग यह है कि इसी दिन कल्कि भगवान की जयंती भी है और इसी दिन विनायक चतुर्थी व्रत का पारण होगा।

नाग पंचमी के देव : नागपंचमी पूजा और व्रत के आठ नाग देव माने गए हैं- अनन्त, वासुकि, पद्म, महापद्म, तक्षक, कुलीर, कर्कट और शंख नामक अष्टनागों की पूजा की जाती है।
नागपंचमी व्रत : नाग पंचमी के व्रत करने के लिए चतुर्थी के दिन एक बार भोजन करें तथा पंचमी के दिन उपवास करके शाम को व्रत खोलें।
नाग पूजा : पूजा करने के लिए नाग चित्र या मिट्टी की सर्प मूर्ति को लकड़ी की चौकी के ऊपर रखकर फिर हल्दी, रोली, चावल और फूल चढ़कर नाग देवता की पूजा की जाती है। उसके बाद कच्चा दूध, घी, चीनी मिलाकर अर्पित किया जाता है। फिर आरती उतारी जाती है। यदि सपेरा आए तो उसके नाग की पूजा करने का भी प्रचलन है फिर सपेरे को दक्षिणा देकर विदा किया जाता है। अंत में नाग पंचमी की कथा सुनी जाती है।

पंचमी तिथि प्रारंभ : 14:33 (24 जुलाई 2020)
नाग पंचमी पूजा मुहूर्त : 05:38:42 से 08:22:11 तक
अवधि : 2 घंटे 43 मिनट
पंचमी तिथि समाप्ति : 12:01 (25 जुलाई 2020)

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