राज्य

नागपुर महोत्सव फिर विवादों में

गैर-व्यवहार और अयोग्य नियोजन के कारण महोत्सव हर साल विवादों में घिर रहा है।

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नागपुर। शहर की सांस्कृतिक विरासत को सहेजने के लिए महानगरपालिका हर साल नागपुर महोत्सव आयोजित करती है। विशेष यह कि अब इसे महाराष्ट्र विकास पर्यटन महामंडल का भी सहयोग मिल गया है, लेकिन गैर-व्यवहार और अयोग्य नियोजन के कारण महोत्सव हर साल विवादों में घिर रहा है। पिछले दो दिन से कुछ इसी तरह के अनुभवों का दर्शकों को सामना करना पड़ा।

भारी अव्यवस्था :
रविवार को प्रसिद्ध पार्श्व गायक शंकर महादेवन का कार्यक्रम देखने गए लोगों पर बेंत प्रहार किया गया। नगरसेवकों को भी इस अव्यवस्था का शिकार होना पड़ा। सोमवार को भी अव्यवस्था सामने आयी। जिनके पास प्रवेश पास थे, उन्हें बाहर ही रोक लिया गया। पुलिस का रुखा व्यवहार रहा। दर्शकों को बाहर से वापस लौटना पड़ा। प्रसार माध्यमों के प्रतिनिधियों से भी असभ्य व्यवहार किया गया। आयोजन के दौरान प्रवेश पास को लेकर भी खासा रोष देखा गया। अनेक अधिकारी भी प्रवेश पास नहीं मिलने से नाराज थे। एक बड़े अधिकारी ने किसी परिचित को प्रवेश पास देने का आदेश एक कनिष्ठ अधिकारी को दिया तो उन्हें भी पास नहीं दिया गया। आरोप है कि कुछ लोगों ने सिर्फ अपने करीबियों को प्रवेश पास दिए। इस कारण अनेक महत्वपूर्ण हस्तियों और लोगों तक पास ही नहीं पहुंचे।
मनपा की तिजोरी से दिए हैं 3 करोड़ रुपए :
इस सप्ताह मनपा चुनाव आचार संहिता लगने के संकेत हैं। ऐसे में तय समय से पहले महोत्सव का आयोजन किया गया। विशेष यह कि सरकार से निधि प्राप्त होने की है। फिलहाल मनपा की तिजोरी से 3 करोड़ रुपए महोत्सव को दिए गए हैं। सरकार से अनुदान प्राप्त होने के बाद उसका समायोजन किया जाएगा। इस बाबत वित्तीय और प्रशासकीय मान्यता का प्रस्ताव तीन दिन पहले स्थायी समिति की मंजूरी के लिए रखा गया है।
पिछली बार उदासीनता, इस बार नियोजन को लेकर सवाल
पिछले वर्ष 25 से 28 फरवरी के बीच यशवंत स्टेडियम पर नागपुर महोत्सव आयोजित किया गया था। महोत्सव के लिए राज्य सरकार दो करोड़ रुपए देने वाली थी, किन्तु प्रशासनिक लापरवाही और सरकारी उदासीनता के कारण निधि समय पर नहीं मिल पायी। हालांकि इस बार निधि का विवाद नहीं था, किन्तु नियोजन को लेकर सवाल उठ रहे हैं।

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