दिल्लीराष्ट्रीय

नागरिकता संशोधन विधेयक 2016 पर विपक्ष की आपत्तियों पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में दिया जवाब 

नागरिकता संशोधन विधेयक 2016 पर विपक्ष की आपत्तियों पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में जवाब दिया। गृहमंत्री ने कहा कि यह बिल असम विशेष के लिए नहीं है और इससे सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बन रहे नैशनल सिटिजन रजिस्टर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। कांग्रेस ने बिल के विरोध में वॉकआउट किया।

  • नागरिकता संशोधन विधेयक पर राजनाथ सिंह ने लोकसभा में जवाब दिया
  • गृहमंत्री ने कहा, ‘नागरिकता विधेयक से असम में NRC पर प्रभाव नहीं पड़ेगा’
  • कांग्रेस-टीएमसी सांसदों ने बिल के विरोध में सदन से वॉकआउट किया
  • गृहमंत्री ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक से शरणार्थियों को लाभ होगा

नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन विधेयक पर सदन में कांग्रेस समेत कई अन्य विपक्षी पार्टियों ने सरकार के फैसले पर सवाल उठाए। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में जवाब देते हुए कहा, इस बिल से असम में एनआरसी पर किसी तरह का प्रभाव नहीं पड़ेगा। गृहमंत्री ने यह भी कहा कि असम के लोगों को भरोसा देना चाहता हूं कि यह बिल असम विशेष नहीं है। बिल पश्चिमी हिस्से में आकर रहनेवाले शरणार्थियों के लिए है। बिल के विरोध में शिवसेना और असम गण परिषद जैसी पार्टियों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में चल रहे नैशनल सिटिजन रजिस्टर पर बिल का असर होगा। गृहमंत्री ने इस पर जवाब देते हुए कहा, ‘हम एनआरसी को लेकर बहुत गंभीर हैं। एनआरसी में इस बिल की वजह से कोई भेदभाव नहीं होगा।

अवैध रूप से रह रहे घुसपैठियों के खिलाफ सभी जरूरी ऐक्शन लिए जाएंगे।’ बिल के विरोध में कांग्रेस के सदस्यों ने वॉकआउट किया। राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं फिर से एक बार स्पष्ट करना चाहता हूं कि नागरिकता संशोधन विधेयक सिर्फ असम तक ही सीमित नहीं है। यह बिल पड़ोसी मुल्क से आनेवाले शरणार्थियों के कल्याण के लिए है। यह बिल उन शरणार्थियों के लिए भी है जो देश के पश्चिमी हिस्से में आकर रह रहे हैं। इनमें राजस्थान, पंजाब, दिल्ली जैसे प्रदेश शामिल हैं। नागरिकता संशोधन विधेयक बिल का विरोध सिर्फ कांग्रेस और टीएमसी ही नहीं कर रही। सीपीआई (एम), एसपी के साथ बीजेपी की दो सहयोगी पार्टियां असम गण परिषद और और शिवसेना भी हैं। टीएमसी सांसदों की तरफ से बिल के विरोध में संसद परिसर में प्रदर्शन किया गया। टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने कहा कि बिल धार्मिक आधार पर भेदभाव की बात करता है जो संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। टीएमसी सांसदों ने भी विरोध में सदन से वॉकआउट किया।

Related Articles

Back to top button