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नाबालिग दोषी रिहा: राज्यसभा में जुवेनाइल बिल पर चर्चा के लिए सभी पार्टियां राजी, जानें क्या है JJ बिल

modi-parliament-1450683658प्रीम कोर्ट ने निर्भया गैंगरेप मामले के नाबालिग दोषी की रिहाई के खिलाफ दायर याचिका को खारिज करते हुए रिहाई पर रोक लगाने से इंकार कर दिया। नाबालिग की रिहाई के बाद सांसदों पर जुवेनाइल जस्टिस बिल को लेकर दबाव बढ़ गया है। राज्यसभा में जुवेनाइल बिल पर चर्चा के लिए सभी पार्टियां राजी हो गई है। कहा जा रहा है कि इस बिल पर दोपहर 2 बजे चर्चा शुरू होगी। बता दें कि कमजोर कानून के चलते नाबालिग दोषी की रिहाई के खिलाफ दायर पिटीशन सुप्रीम कोर्ट में भी खारिज हो चुकी है।

जुवेनाइल बिल से जुड़ें अपडेट्स

– जुवेनाइल जस्टिस बिल लोकसभा में पास हो चुका है, लेकिन राज्यसभा में हंगामे के कारण अटका हुआ है। लोकसभा में यह बिल मई 2015 में पास हो गया था।

– कहा जा रहा है कि जुवेनाइल बिल पर दोपहर 2 बजे चर्चा शुरू होगी। सभी दल बिल पर चर्चा करने के लिए राजी हो गए हैं।

– सुप्रीम कोर्ट ने पिटीशन रद्द करते हुए सोमवार को कहा- हम कानून के आगे नहीं जा सकते।

– मौैजूदा जुवेनाइल जस्टिस बिल कानून के तहत नाबालिग को अधिकतम 3 साल तक सुधार गृह में रखा जा सकता है।

– केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा- ‘हम खुद जूवेनाइल जस्टिस विधेयक आज पारित करने के लिए तैयार हैं, लेकिन पहले कांग्रेस सदन को चलने दे।’

– एडिशनल सॉलिसिटर जनरल पिंकी आनंद ने बताया- कोर्ट बेहद चिंतित था, लेकिन वे कानून से बाहर नहीं जा सकते।

क्या है जुवेनाइल जस्टिस बिल

– नए बिल में कहा गया है कि रेप, मर्डर और एसिड अटैक जैसे खतरनाक अपराधों में शामिल नाबालिगों को बालिग माना जाए।

– गंभीर अपराध करने वाले नाबालिगों पर केस आम अदालतों में और बालिगों के लिए कानून के मुताबिक ही चलेगा।

– किशोर न्याय बोर्ड यह निर्णय करेगा कि बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों में शामिल 16 वर्ष से अधिक उम्र के किशोर को सुधार गृह में रखा जाए या उस पर सामान्य अदालत में मुकदमा चलाया जाए।

– पुराने कानून के मुताबिक नाबालिग कोे ज्यादा से ज्यादा तीन साल तक के लिए सुधार गृह में रखा जा सकता है।

 

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