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नाबालिग से यौन दुराचार के मामले में जेल में सजा भुगत रहे आसाराम की तबीयत फिर बिगड़ी, एम्स में भर्ती कराया गया

जोधपुर: नाबालिग से यौन दुराचार के मामले में जीवन के अंतिम सांस तक जेल में रहने की सजा भुगत रहे आसाराम की तबीयत एक बार फिर बिगड़ गई जिसके बाद उन्हें जेल अधिकारियों द्वारा एम्स ले जाया गया है। चिकित्सकों ने एम्स में आसाराम को भर्ती कर लिया है जहां उनका उपचार शुरू कर दिया गया है हालांकि इस बार भी अस्पताल जाने को लेकर आसाराम ने काफी ना नुकर की, लेकिन ज्यादा स्थिति बिगड़ने पर उनको अस्पताल लाया गया।

अपने ही आश्रम की नाबालिग छात्रा से यौन शोषण के आरोप में जोधपुर जेल में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे आसाराम की तबीयत बुधवार को फिर बिगड़ गई। मंगलवार रात से बेचैनी महसूस कर रहे आसाराम को जेल से जोधपुर एम्स लाकर भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों ने प्रारम्भिक जांच के पोस्ट कोविड कॉम्पलिकेशन बताया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार आसाराम को कल रात से सांस लेने में तकलीफ होने लगी लगी थी। आज सुबह तक तकलीफ काफी बढ़ गई। इसके बाद जेल प्रशासन ने उसे अस्पताल ले जाने का फैसला किया।

हालांकि आसाराम एक बार एम्स जाने से इनकार कर दिया। बाद में अधिकारियों के समझाने पर वह एम्स में अपना इलाज कराने को राजी हो गया। एम्स में पहुंचने के बाद उसकी कुछ जांचें की गई है। जांच रिपोर्ट के आधार पर डॉक्टर लाइन ऑफ ट्रीटमेंट तय करेंगे। विगत माह के पहले सप्ताह में आसाराम कोरोना संक्रमित पाया गया था । इसके बाद उसे पहले महात्मा गांधी व बाद में एम्स में भर्ती करवा कर इलाज कराया गया। इस दौरान उसने हाईकोर्ट में अपनी बीमारी का इलाज आयुर्वेद पद्धति से कराने के लिए जमानत याचिका दाखिल की। हाईकोर्ट के आदेश पर एम्स के मेडिकल बोर्ड ने उसकी मेडिकल रिपोर्ट पेश की।

इसके आधार पर उसकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया। हाईकोर्ट के इस आदेश को आसाराम ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रखी है। राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में उसे जमानत देने का यह कहते हुए विरोध किया कि जोधपुर में एम्स के अलावा आयुर्वेद यूनिवर्सिटी जैसे संस्थान है। ऐसे में स्तरीय चिकित्सा सुविधा उपलब्ध है और उसे जमानत नहीं दी जाए। मामले में सुनवाई 18 जून तक टल गई है।

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