
नई दिल्ली। काले धन के खाताधारकों के नाम सार्वजनिक करने की मांग कर रही कांग्रेस पार्टी समेत विभिन्न पक्षों की तीखी आलोचना करते हुए वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि अनधिकृत तरीकों से नामों का खुलासा करने पर जांच गड़बड़ा सकती है और इसका फायदा दोषियों को मिल सकता है। जेटली ने अपने फेसबुक पेज पर एक संदेश में कहा कि अनधिकृत तरीके से सूचनाओं का प्रकाशन जांच व आर्थिक, दोनों लिहाज से जोखिम भरा है। इस तरह से जांच गड़बड़ा सकती है। इससे विदहोल्डिंग कर के रूप में (देश को) पाबंदी का सामना भी करना पड़ सकता है। उल्लेखनीय है कि जेटली की इस टिप्पणी से पहले आज ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि विदेश में जमा धन को वापस लाने के लिए हरसंभव प्रयास किया जाएगा। जेटली ने ऐसे लोगों पर सवाल खड़ा किया जो कर संधियों की परवाह किए बगैर नामों को उजागर करने की मांग कर रहे हैं। वित्तमंत्री ने लिखा है,कांग्रेस पार्टी का रवैया समझ में आता है। वह नहीं चाहती कि (काले धन की जांच के लिए गठित) एसआईटी के पास पहुंचे नामों के सिलसिले में सबूत मिलें। क्या दूसरे भी नासमक्ष हैं जो केवल वाहवाही लूटना चाहते हैं या वे किसी और के लिए झंडा बुलंद कर रहे हैं। मंत्री ने विश्वास जताया कि उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित एसआईटी काले धन की सच्चाई उजागर करने में कामयाब होगी। उन्होंने कहा कि मौजूदा राजग सरकार ने अपने पास उपलब्ध सारे नाम 27 जून 2014 को ही एसआईटी को सौंप दिए थे। एजेंसी