नार्वेजीय लेखक ने लिखी भारतीय लेखक सुरेशचन्द्र शुक्ल पर पुस्तक
– माया भारती, ओस्लो, नार्वे से
१० फरवरी २०१७ को ओस्लो नार्वे में नार्वेजीय लेखक थूरस्ताइन विंगेर की लिखी भारतीय लेखक सुरेशचन्द्र शुक्ल पर पुस्तक का लोकार्पण हुआ. यह पहली बार हुआ जब एक नार्वेजीय लेखक ने किसी भारतीय लेखक की बायोग्राफी लिखी है. ‘ब्रूबिग्गेर सुरेश चन्द्र शुक्ल’ शीर्षक से लिखी पुस्तक का संयुक्त लोकार्पण भारतीय दूतावास के सचिव एन पुनप्पन और बिएरके बीदेल के पूर्व टाउन मेयर स्ताइनार आर्नेसेन ने किया और कार्यक्रम का संचालन किया संगीता शुक्ल दीदरिक्सेन’ ने. लेखक थूरस्ताइन विंगेर पूर्व टाउन मेयर रहे हैं और अभी भी सक्रिय राजनैतिज्ञ हैं. उन्होंने कहा पुस्तक लिखने का कारण एक यह भी है कि दूसरे लोग इनके इंट्रीग्रेशन और सेतु निर्माण के कार्यों से सीख सकें। बेशक सुरेशचन्द्र शुक्ल भारत से हैं पर नार्वे में भी उनका उतना ही योगदान है.
स्ताइनार आर्नेसेन ने लेखक थूरस्ताइन विंगेरको स्थानीय राजनीति और समाज में महत्वपूर्ण योगदान देने वाला बताया और सुरेशचन्द्र को नार्वे में सबसे महत्वपूर्ण भारतीय की संज्ञा देते हुए एक अच्छा नार्वेजीय लेखक और संस्कृतिकर्मी बताया जिन पर उन्हें और स्थानीय नार्वेजीय समाज को गर्व है. कार्यक्रम का सफल सञ्चालन किया संगीता शुक्ल दीदरिक्सेन’ ने. एन पुनप्पन जी ने सुरेशचन्द्र शुक्ल को भारत और नार्वे के मध्य सांस्कृतिक दूत बताते हुए कहा कि इनके कार्य से भारत और नार्वे के सांस्कृतिक सम्बन्ध बेहतर हुए हैं. उन्होंने लेखक को बधायी दी और पुस्तक की सफलता की कामना की. कार्यक्रम समापन कवितापाठ से हुआ जिसमें इंगेर मारिये लिल्लेएंगेन, नूरी रोयसेग, मीना मुरलीधरन, राज कुमार, जावेद भट्टी और सुरेशचंद्र शुक्ल ने किया।