नालंदा विश्वविद्यालय के भग्नावशेष देखने पहुंची यूनेस्को की टीम
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बिहार शरीफ। प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के भग्नावशेष को विश्व धरोहर (वल्र्ड हेरिटेज) में शामिल करने का रास्ता तलाशने यूनेस्को और उसके सहयोगी संगठन इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ मॉनूमेंटस एंड साइट्स (आइकोमस) की टीम दो दिवसीय दौरे पर यहां पहुंची।टीम के साथ पुरातत्व विभाग के अधिकारी भी मौजूद हैं।नालंदा जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि आइकोमस की 16 सदस्यीय टीम का नेतृत्व विशेषज्ञ प्रोफेसर मयासा मसुई कर रहे हैं। टीम के सदस्यों ने आते ही प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के भग्नावशेष देखा। खंडहर की दीवारों और एक-एक संरचना का बहुत ही बारीकी से निरीक्षण किया। आसपास के इलाके भी देखे।टीम के सदस्य यहां के लोगों की पुरानी और वर्तमान जीवनशैली को भी समझने की कोशिश कर रहे हैं।राजगीर अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीओ) लाल ज्योति नाथ साहदेव ने बताया कि आईकोमस टीम ने खंडहर की भौगोलिक स्थिति की जानकारी ली।उन्होंने बताया कि पुरातत्व विभाग के अधिकारी खंडहर के विषय की प्रत्येक जानकारी उपलब्ध करा रहे हैं। इसके अलावा अलग से अनुभवी गाईड भी टीम को जानकारी देने के लिए तैनात किए गए हैं।
बुधवार शाम तक टीम के सदस्यों ने खंडहर और इसके आसपास के इलाकों व बफर जोन का निरीक्षण किया। गुरुवार को भी टीम कई स्थलों का निरीक्षण करेगी और उसके बाद पटना लौटेगी।