केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को साफतौर पर कहा कि भाजपा में कुछ लोगों को कम बोलने की आवश्यकता है। हालांकि जब अपने स्पष्ट बयानों के लिए मशहूर पूर्व भाजपा अध्यक्ष गडकरी से यह पूछा गया कि क्या उनका इशारा भगवान हनुमान की ‘जाति’ या कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के ‘गौत्र’ को लेकर दिए गए बयानों की तरफ है तो उन्होंने महज इतना कहा कि वह मजाक कर रहे थे। वह ‘रिपब्लिक समिट’ में बोल रहे थे।
बता दें कि राजस्थान में विधानसभा चुनावों के दौरान एक रैली में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हनुमान को दलित बता दिया था, जबकि उत्तर प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडे ने राहुल के इटली से संबंध पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि उनका गौत्र ‘इटलूस’ होना चाहिए। माना जा रहा है कि इन दोनों बयानों ने विधानसभा चुनावों में भाजपा को बेहद नुकसान पहुंचाया, जबकि मतदाताओं की नजर में कांग्रेस के लिए हमदर्दी पैदा की थी।
गडकरी ने बुधवार को यहां एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि राजनेताओं को अमूमन मीडिया से बात करते हुए बोलने में बहुत ज्यादा कंजूस होना चाहिए। उनसे पूछा गया कि राफेल जेट खरीद विवाद में एक ही दिन में 70 प्रेस कांफ्रेंस कराने के लिए भाजपा का क्या मकसद था तो गडकरी ने कहा, हमारे पास बहुत सारे नेता हैं और उन्हें टीवी पत्रकारों के सामने बोलना पसंद है। इसलिए हमें उन्हें कुछ काम देना होता है।
गडकरी ने कहा, न तो मैं और न ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसी कार्यक्रम के बाद मीडिया को बाइट देते हैं। उन्होंने कहा, राजनेताओं को हमेशा मीडिया से कम मिलना-जुलना चाहिए और इस नीति का भाजपा को कुछ ज्यादा अनुसरण करने की आवश्यकता है।
क्या सुप्रीम कोर्ट से बड़ी है जेपीसी
गडकरी से जब कांग्रेस की तरफ से उठाई जा रही राफेल खरीद की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से कराने की मांग का हवाला देने पर गडकरी ने उल्टा सवाल किया, क्या जेपीसी सुप्रीम कोर्ट से बड़ी है। उन्होंने कहा, कांग्रेस की तरफ से लगाए जा रहे अधिकतर आरोपों में से अधिकतर की कोई प्रासंगिकता नहीं है और इनका जवाब न देना ही उचित है।
भाजपा को चाहिए बांबे टू गोवा फिल्म जैसा मुंह का कवर
गडकरी ने वर्ष 1972 में आई अमिताभ बच्चन अभिनीत फिल्म बांबे टू गोवा का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि उस फिल्म में एक बच्चे का मुंह उसके मां-बाप महज इसलिए कपड़े से बांधकर रखते हैं कि वह मुंह खोलते ही सबकुछ खा जाएगा। उन्होंने कहा, हमारी पार्टी में भी कुछ लोगों के मुंह पर ऐसा ही कपड़ा लपेटे जाने की आवश्यकता है।
जिस तरह 1971 में इंदिरा गांधी जीती थीं वैसे ही 2019 में मोदी सरकार जीतेगी : गडकरी
लोकसभा चुनावों को लेकर विपक्ष के महागठबंधन की संभावनाओं को नकारते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि 2019 में फिर नरेंद्र मोदी ही प्रधानमंत्री बनेंगे।
उन्होंने कहा कि 1971 जिस तरह इंदिरा गांधी ने संयुक्त विपक्ष के आगे जीत दर्ज की थी उसी तरह प्रधानमंत्री भी जीतेंगे। गडकरी ने कहा, ‘महागठबंधन उन पार्टियों का संगठन है जो कमजोर हैं और हारी हुई हैं। इसमें वह लोग शामिल हैं जिन्होंने एक-दूसरे को कभी नमस्कार भी नहीं किया होगा और न ही कभी बैठकर चाय पी होगी।’
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसका श्रेय प्रधानमंत्री मोदी को जाता है कि ये पार्टियां अब एक साथ हैं। महागठबंधन को महत्वहीन बताते हुए गडकरी ने कहा कि समाजवादी पार्टी के मुलायम सिंह यादव और बसपा प्रमुख मायावती एक दूसरे के दुश्मन थे, ये साथ काम कैसे कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा की ताकत और सरकार के प्रदर्शन ने विपक्षी दलों को एक साथ आने के लिए मजबूर कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘जब मैं कॉलेज में था, इंदिरा गांधी के खिलाफ सोशलिस्ट पार्टी, कांग्रेस (ओ) व जनसंघ के रूप में बड़ा गठबंधन था। चुनावी गणित यही कह रही थी कि गठबंधन जीतेगा। लेकिन, इंदिरा गांधी की ही जीत हुई थी। राजनीति में दो और दो कभी चार नहीं होते।
राजस्थान व मध्यप्रदेश में कांग्रेस की जीत को लेकर उन्होंने कहा कि इन परिणामों पर मत जाइए, हम लोकसभा चुनाव फिर जीतेंगे। हम पर्याप्त बहुमत पाएंगे और नरेंद्र मोदी फिर प्रधानमंत्री बनेंगे। शिवसेना को लेकर गडकरी ने कहा कि दोनों पार्टियों के संबंध वैसे ही हैं जैसे अटल बिहारी बाजपेई के प्रधानमंत्री रहते हुए थे। उन्होंने कहा कि दोनों दलों का गठबंधन महाराष्ट्रस मराठा लोगों और देश के लिए लाभकारक है।