निर्भया के पिता बोले, दरिंदे को यूपी आने से रोका जाय
देश की सामूहिक चेतना को झकझोर देने वाले दिल्ली के निर्भया दुराचार कांड में बेटी गंवा चुके माता-पिता ने गुरुवार को ‘अमर उजाला’ से बातचीत में अपनी पीड़ा इन शब्दों में बयां कीं। नाबालिग की रिहाई के विरोध में बी-अवेयर फाउंडेशन की ओर से आयोजित ब्लैक डे में शामिल होने वे लखनऊ पहुंचे थे।
उन्होंने कहा, बिटिया के साथ जिसने निर्मम दुराचार किया, उसे मरने के लिए छोड़ दिया, उसका नाम तक हम नहीं जानते। हम इसी प्रदेश के नागरिक हैं और वह भी इसी प्रदेश का है, लेकिन हम नहीं चाहते कि वह लौट कर यूपी आए।
उसने पूरी दुनिया के सामने यूपी का नाम खराब किया है, उसे इस धरती पर पांव रखने का कोई अधिकार नहीं है। इन कडे़ शब्दों में उन्होंने अपनी बिटिया के नाबालिग हत्यारे को यूपी में आने से रोकने की मांग प्रदेश की सरकार और नागरिकों से की।
नाबालिग की रिहाई से समाज में बेहद गलत संदेश गया है। उसकी जैसी मानसिकता वाले नाबालिगों का दुस्साहस इससे बढ़ेगा। निर्भया की मां ने कहा कि सरकार ने उसे रिहा करके कानून का भले ही पालन किया, लेकिन कोई भी नागरिक नहीं चाहता कि ऐसा व्यक्ति उस समाज का हिस्सा बने जिसमें वे रहते हैं।
नाबालिग ने निर्भया के साथ जो बर्बरता की, उसके लिए कोई भी कानून उस पर कैसे रहम दिखा सकता है?
दिल्ली सरकार के बर्ताव से दुख पहुंचा
निर्भया के पिता ने कहा कि नाबालिग को रिहाई के बाद दिल्ली सरकार द्वारा उसे मदद के तौर पर 10 हजार रुपये व सिलाई मशीन देने और अन्य आश्वासनों ने उन्हें बेहद दुख पहुंचाया है। एक घोषित दुराचारी को मदद की बात कोई सरकार सोच भी कैसे सकती है?
अपने आसपास किसी लड़की से अन्याय होते देखें तो उसकी मदद करें। केंद्र सरकार से आरटीआई के तहत नाबालिग की जानकारी लें और नए जुवेनाइल जस्टिस बिल 2015 में जघन्य अपराध करने वालों की पहचान जाहिर करने की मांग करें।
सरकार से : सरकार कानूनों का सख्ती से पालन करे और पुलिस लड़कियों और महिलाओं के मामलों में संवेदनशीलता बरते। उनकी शिकायतों को सुनें।
कानून से : महिलाओं से अपराध करने वालों पर सख्ती बरते। निर्भया के मामले में नाबालिग पर वाजिब कार्रवाई की जाए। मौजूदा कार्रवाई से हम पूरी तरह असंतुष्ट हैं।