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उन्होंने कहा कि कहने के लिए रेप दो वर्णों का एक छोटा सा शब्द है लेकिन सिस्टम को इस बारे में सोचना चाहिए और कड़ा एक्शन लेना चाहिए। मेरी बेटी बेकसूर थी फिर भी उसे न्याय मिलने में इतनी देरी क्यों हो रही है?
उन्होंने कहा कि टीवी पर बयान देने और डिबेट करने से इसका हल नहीं निकलेगा, उन्होंने कहा कि जब तक कड़ा कानून नहीं बनेगा तब तक इस पर हमें न्याय नहीं मिलेगा।सरकार का इस मुद्दे पर संवेदनशील होना काफी जरूरी है।
मालूम हो कि 16 दिसंबर 2012 की रात मृतक राम सिंह और उस समय नाबालिग रहे आरोपी के अतिरिक्त चार लोगों ने शनिवार की शाम चलती बस में अपने दोस्त के साथ घर जा रही युवती के साथ सामूहिक बलात्कार किया था।
बलात्कार के बाद युवती और उसके दोस्त के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया और दोनों को चलती बस से नीचे फेंक कर उसे कुचलने की भी कोशिश की गई थी।
इस मामले के बाद दिल्ली सहित देशभर में व्यापक आक्रोश फैला और विरोध में लोग सड़कों पर उतर आए। दिल्ली में लोगों का गुस्सा इस कदर बड़ गया कि भारी भीड़ ने राष्ट्रपति भवन तक में घुसने की भी कोशिश की थी।
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16 दिसंबर, 2012: दिल्ली के मुनीरका में छह लोगों ने एक बस में पैरामेडिक छात्रा से सामूहिक बलात्कार और वहशीपन किया। घटना के बाद युवती और उसके दोस्त को चलती बस से बाहर फेंक दिया गया।
18 दिसंबर, 2012: राम सिंह, मुकेश, विनय शर्मा और पवन गुप्ता गिरफ़्तार। 21 दिसंबर को मामले में नाबालिग दिल्ली से और छठा अभियुक्त अक्षय ठाकुर बिहार से गिरफ़्तार।
29 दिसंबर, 2012: पीड़िता ने अस्पताल में दम तोड़ा।
3 जनवरी, 2013: पुलिस ने पांच बालिग अभियुक्तों के ख़िलाफ़ हत्या, गैंगरेप, हत्या की कोशिश, अपहरण, डकैती आदि आरोपों के तहत चार्जशीट दाख़िल की।
17 जनवरी, 2013: फ़ास्ट ट्रैक अदालत ने पांचों अभियुक्तों पर आरोप तय किए।
11 मार्च 2013: राम सिंह ने तिहाड़ जेल में आत्महत्या की।
31 अक्टूबर, 2013: जुवेनाइल बोर्ड ने नाबालिग को गैंगरेप और हत्या का दोषी माना और उसे प्रोबेशन होम में तीन साल गुज़ारने का फ़ैसला सुनाया।
10 सितंबर, 2013: फ़ास्ट ट्रैक अदालत ने चार अन्यों को 13 अपराधों के लिए दोषी ठहराया और 13 सितंबर को मुकेश, विनय, पवन और अक्षय को सज़ा-ए-मौत सुनाई गई।
13 मार्च, 2014: दिल्ली हाई कोर्ट ने चारों दोषियों की मौत की सज़ा को बरक़रार रखा।
2014-2016: दोषियों ने फ़ांसी की सज़ा को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है और शीर्ष अदालत फिलहाल इस पर सुनवाई कर रही है।