व्यापार

निर्मला सीतारमण ने कहा- मुश्किल दौर से गुजर रही है भारतीय अर्थव्यवस्था

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने माना कि विश्व के साथ ही भारतीय अर्थव्यवस्था मुश्किल दौर से गुजर रही है। अर्थव्यवस्था में कितनी सुस्ती है और यह किन वजह से हो रही है, इस पर चिंतन करने की जरूरत है। एक किताब का विमोचन करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि इसको पढ़ने के बाद लोगों को सही मायनें में पता चलेगा कि क्या कारण हैं, जिनसे ऐसा देखने को मिल रहा है। भारत की विकास दर छह साल के सबसे निचले स्तर पर जून में पहुंच गई थी। यह पांच फीसदी के स्तर पर रही। मांग में कमी के साथ ही निजी निवेश और वैश्विक बाजारों में व्यापार युद्ध के असर के चलते ऐसा देखने को मिला।

आरबीआई ने भी घटाया आकलन
भारतीय रिजर्व बैंक ने अक्तूबर माह मौद्रिक नीति की समीक्षा करते हुए विकास दर का अनुमान 6.9 फीसदी से घटाकर के 6.1 फीसदी कर दिया था। आरबीआई ने अनुमान लगाया था कि विकास दर वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में तेजी पकड़ेगी।

सरकार ने सुस्ती को कम करने के लिए कॉर्पोरेट टैक्स में कमी, सरकारी बैंकों में पूंजी निवेश और रियल एस्टेट सेक्टर के लिए 25 हजार करोड़ रुपये का फंड तैयार किया था, जिससे अर्थव्यवस्था में तेजी आ सके।

मूडीज ने घटाया था आउटलुक
वैश्विक रेटिंग एजेंसी ने भारत की साख यानी क्रेडिट रेटिंग आउटलुक नकारात्मक कर दिया। इसे साख को घटाने की दिशा में पहला कदम माना जाता है। मूडीज ने भले ही कहा कि सरकार आर्थिक कमजोरी का हल निकालने में आंशिक तौर पर कामयाब रही है, लेकिन आगे विकास दर नीचे रहने का जोखिम बढ़ गया है।

मूडीज ने विदेशी मुद्रा रेटिंग को बीएए2 को बरकारर रखा, लेकिन मार्च 2020 में समाप्त वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की तुलना में 3.7 फीसदी राजकोषीय घाटा रहने का अनुमान जाहिर किया। वहीं सरकार का अनुमान 3.3 फीसदी राजकोषीय घाटे का है। माना जा रहा है कि सुस्त विकास दर और कॉरपोरेट कर में कटौती के चलते राजस्व घटने से राजकोषीय घाटे के मोर्चे पर सरकार को झटका लग सकता है।

नोमुरा का यह था आकलन
जापानी ब्रोकरेज कंपनी नोमुरा ने भारत की विकास दर के अनुमान को घटा दिया है। नोमुरा ने कहा है भारत की चालू वित्त वर्ष में विकास दर (जीडीपी) 4.9 फीसदी रहेगी। फिलहाल भारत की अर्थव्यवस्था काफी सुस्ती के दौर से गुजर रही है, जिसके कारण पहले के अनुमान से अब कटौती की गई है। इससे पहले नोमुरा ने विकास दर के 5.7 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था।

सबसे कम आकलन नोमुरा का
जहां आरबीआई ने विकास दर के 6.1 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था, वहीं अब नोमुरा का अनुमान सबसे कम हो गया है। शुक्रवार को ही रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भारत की अर्थव्यवस्था का आउटलुक पॉजिटिव से निगेटिव किया था। जून तिमाही में अर्थव्यवस्था ने पांच फीसदी विकास दर हासिल की थी, जो पिछले छह सालों में सबसे कम रही थी।

Related Articles

Back to top button