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निर्मला सीतारमण ने खोला लाल बैग का राज, पूजा के बाद इस शख्स ने किया ‘गिफ्ट’

नई दिल्ली : मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में पेश हुआ पहला पूर्णकालिक बजट कई मायनों में खास रहा. लेकिन इस दौरान सबसे ज्यादा किसी चीज ने ध्यान खींचा तो वह था वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का लाल बैग. वित्त मंत्री अपना पहला बजट पेश करते हुए बजट दस्तावेजों को ब्रीफकेस में लाने के बजाय लाल कपड़े से बने बैग में लेकर पहुंची और इसे बहीखाता नाम दिया गया.

सरकारी पहचान देने के लिए अशोक स्तंभ लगाया
वित्त मंत्री ने इस बैग के बारे में बताया कि यह उन्हें उनकी मामी ने बनाकर दिया. सीतारमण ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, ‘सूटकेस या ब्रीफकेस मुझे पसंद नहीं आता. यह अंग्रेजों के जमाने से चला आ रहा है. हमें यह पसंद नहीं. फिर मेरी मामी ने मुझे लाल कपड़े का बस्ता बनाकर दिया. उन्होंने पूजा अर्चना करने के बाद मुझे यह लाल बस्ता दिया. यह घर का थैला नहीं लगे इसलिए सरकारी पहचान देने के लिए उस पर अशोक स्तंभ का चिन्ह लगाया गया.’

हर क्षेत्र में अपनी-अपनी परंपरायें
उन्होंने कहा भारत में हर क्षेत्र में अपनी परंपरायें हैं. दिवाली पर लक्ष्मी पूजन हो या घर, दुकान के नए बहीखातों की शुरुआत का मौका, उसका लाल कवर होता है, लाल कपड़े में लपेटा जाता है और उस पर कुमकुम, हल्दी, चंदन लगाकर अथवा शुभ लाभ लिखकर शुरुआत की जाती है. उन्होंने आगे बताया, ‘मैं यही सोचकर लाल कवर लेकर आई और उसमें बजट लेकर जाने की बात कही. लेकिन मुझसे घर में कहा गया कि इसमें दस्तावेज संसद ले जाते समय गिर सकते हैं. इसके बाद मामी ने लाल कपड़े का लिफाफेनुमा बैग बनाकर दिया. उन्होंने उसे खुद हाथ से सिला.’

बैग को बहीखाता नाम किसने दिया, इस पर वित्त मंत्री ने कहा कि यह नाम उन्होंने नहीं दिया, यह नाम जनता से ही कहीं से आया है. प्रधानमंत्री की तरफ से इस पर प्रतिक्रिया के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की तरफ से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं थी.

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