जीवनशैली

नींद आने की गंभीर बीमारी त्वचा के जरिए भी हो सकती है

img_20161223025216LONDON: हाल ही में हुए एक ताजा शोध में पता चला है कि नींद आने की घातक बीमारी त्वचा के जरिए भी फैल सकती है। शोध के अनुसार अफ्रीकी देशों में गंभीर समस्या बन चुकी नींद की यह बीमारी ट्रिपैनोसोम नाम के एक परजीवी से फैलती है, जिसके संचरण में त्वचा अहम भूमिका न

समुचित इलाज न होने पर यह बीमारी घातक भी हो सकती है। शोधकर्ताओं के अनुसार, यह निष्कर्ष बीमारी के निदान, इलाज और संभावित उन्मूलन पर बड़ा असर डाल सकता है।
इस बीमारी से उप-सहारा अफ्रीकी क्षेत्र में हर साल हजारों लोग काल के गाल में समा जाते हैं। यह प्रमुख रूप से मनुष्यों में संक्रमित सी-सी मक्खी के काटने से फैलता है। इसके संक्रमण का पता रक्त की जांच से चलता है।
शोध पत्रिका ‘ईलाइफ’ के ताजा अंक में यह अध्ययन प्रकाशित हुआ है, जिसमें कहा गया है कि ट्रिपैनोसोम्स की बीमारी पैदा करने वाली पर्याप्त मात्रा त्वचा के अंदर मौजूद होती है, जो सीसी मक्खी द्वारा आसानी से फैल सकती है।

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